यूरिक एसिड खाद्य पदार्थों के पाचन से उत्पन्न एक नैचुरल कैमिकल पदार्थ है। यूरिक एसिड हम सभी की बॉडी में मौजूद होता है जिसे किडनी फिल्टर करके बॉडी से बाहर निकाल देती है। यूरिक एसिड का बनना परेशानी का सबब नहीं है लेकिन इसका बॉडी में बढ़ना परेशानी को बढ़ा देता है। बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से बॉडी में कई तरह की परेशानियां होने लगती है। यूरिक एसिड बढ़ने की वजह से पैरों में दर्द, सूजन, अकड़न और जोड़ों में दर्द की सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
यूरिक एसिड का बनना नॉर्मल बात है जो सभी की बॉडी में बनता है। इसका बॉडी में बढ़ना आपको बीमार बनाता है। जेपी हॉस्पिटल के कंसल्टेंट डॉक्टर सुरवत आर्य के मुताबिक प्रोब्लम तब आती है जब बॉडी में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने लगता है या फिर किडनी के रास्ते जो यूरिक एसिड निकल रहा है वो कम हो जाए। दोनों स्थितियों में यूरिक एसिड अपने नॉर्मल स्तर से बढ़ जाता है।
यूरिक एसिड ब्लड में घुला हुआ होता है लेकिन जब ये लेवल बढ़ जाता है तो ये ज्वाइंट में जमने लगता है। बढ़ा हुआ यूरिक एसिड एक प्रकार का गठियां रोग कर देता है जिसे गाउट कहते हैं। पूरे विश्व में गाउट की समस्या बढ़ती जा रही है जिसके बॉडी में कई तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। गाउट की वजह से पैर के अंगूठे में दर्द और सूजन की परेशानी हो सकती है। जानिए इस परेशानी को क्या कहते हैं और उससे बचाव कैसे करें।
क्यों सूजता है पैर का अंगूठा: सुबह-सुबह पैर का अंगूठा सूजा हुआ दिखे और उसमें तीव्र दर्द हो तो उसे एक्यूट गाउट कहते हैं। एक्यूट गाउट से मतलब है गठिया का तीव गति से बढ़ना। गाउट का यह अटैक बार-बार होने लगे तो ज्वाइंट में पर्मानेंट डैमेज हो जाता है जिसकी वजह से लक्षण लगातार बने रहते हैं।
यूरिक एसिड की वजह से किडनी में यूरिक एसिड स्टोन भी हो सकते है। गाउट अटैक का इलाज मरीज आसानी से कर सकता है। गाउट का ट्रीटमेंट कराकर मरीज एक हफ्ते में नॉर्मल हो सकता है।
गाउट अटैक से कैसे करें बचाव: गाउट अटैक से बचना चाहते हैं तो डाइट पर कंट्रोल करें। डाइट में सी फूड, रेड मीट, एल्कोहल, कैफीन का सेवन, फ्रुकटॉज से भरपूर स्वीटनर का सेवन करने से परहेज करें। ये फूड यूरिक एसिड का स्तर तेजी से बढ़ा सकते हैं। इन फूड्स को खाने से यूरिक एसिड तेजी से बढ़ सकता है।
शाकाहारी लोगों को परहेज की जरूरत नहीं: एक्सपर्ट के मुताबिक शाकाहारी इनसान को प्रोटीन डाइट से परहेज करने की जरूरत नहीं है। राजमा, चना, मटर, दाल से परहेज करने से यूरिक एसिड के स्तर पर कोई फर्क नहीं पड़ता।