पूरी दुनिया में शादी एक महंगी शौक बन गई है। खास कर तो भारत में इसमें लोग लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करते हैं। कई लोग तो शादी के लिए सालों पहले से तैयारियां शुरु कर देते हैं। शादी में खाना से लेकर महंगे कपड़ों तक लोग काफी बेहतरीन तरीके से तैयार कराते हैं।
आज के समय सोशल स्टेटस और दिखावा के चक्कर में लोग शादियों पर काफी अधिक खर्च करते हैं। वहीं, इन सब के बीच माइक्रो वेडिंग शादियां भी काफी ट्रेंड में है। इसमें लोग अधिक मेहमानों को बुलाए और कम खर्चे में आराम से शादी कर लेते हैं।
माइक्रो वेडिंग क्या है?
माइक्रो वेडिंग एक छोटी शादी होती है। इसमें लोग अपने खास-खास लोगों को इनवाइट करते हैं। माइक्रो वेडिंग शादियों में सिर्फ 20 से लेकर 50 मेहमान ही शामिल हो पाते हैं। इस तरह की शादी कम खर्चीले वाला होता है। हाल ही में बॉलीवुड में इस तरह की शादियां काफी फेमस हो रही हैं।
भारत में तेजी से बढ़ रहा माइक्रो वेडिंग का चलन
भारत में भी अब माइक्रो वेडिंग का चलन अब काफी तेजी से बढ़ रहा है। दरअसल, महंगाई और कम लोगों की उपस्थिति के कारण लोग इस तरह की शादी को काफी प्रेफर कर रहे हैं। खास कर यह चलन कोरोना महामारी के बाद अधिक देखने को मिला है। इस तरह की शादी में मेहमान काफी करीब वाले आते हैं और सब एक साथ मिलकर शादी के समारोह का आनंद लेते हैं।
माइक्रो वेडिंग के फायदे
- माइक्रो वेडिंग में कम लोग शामिल होते है, जिसके कारण उन्हें काफी अच्छे तरह से मैनेज किया जा सकता है।
- यह बड़ी और भव्य शादियों की तुलना में काफी कम बजट वाला होता है।
- इस तरह की शादियों में लोग कम होते हैं, जिसके कारण वेस्टेज भी काफी कम होता है।
माइक्रो वेडिंग के नुकसान
माइक्रो वेडिंग के फायदे के साथ-साथ इसके नुकसान भी हैं। दरअसल, इसमें सीमित मेहमानों को बुलाया जाता है, जिसके कारण कई लोग इससे नाराज हो जाते हैं। इस तरह की शादियों में पारंपरिक भव्यता की कमी होती है।