इन्टेस्टाइनल इंफेक्शन और बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण टाइफॉयड की समस्या हो जाती है। साल्मोनेला टाइफी नामक एक बैक्टीरिया इस समस्या के लिए जिम्मेदार होता है। यह बैक्टीरिया दूषित खाने या पानी के जरिए आपके शरीर में प्रवेश करता है और टाइफॉयड के लक्षणों को बढ़ाता है। यह बैक्टीरिया इंटेस्टाइन के जरिए पूरे शरीर में रक्तप्रवाह में फैलता है। टाइफॉयड के दौरान लोगों को बुखार, शरीर में दर्द और पेट से जुड़ी समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। इस समस्या को कम करने के लिए कई लोग डॉक्टर की सलाह लेते हैं और डॉक्टर एंटीबायोटिक लेने की सुझाव देते हैं। हालांकि आप घरेलू उपचारों की मदद से भी इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। ये घरेलू उपचार आपके शरीर को अन्य लाभ भी प्रदान करेगा।
केला
केला टाइफॉयड की समस्या को कम करता है। इसमें मौजूद पेक्टिन एक खुलनशील फाइबर होता है जो आंतों में तरल पदार्थ को अवशोषित करने में मदद करत है और टाइफॉयड के बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करता है। आधे कप दही में 2 मसला हुआ केला और 1 चम्मच शहद मिलाकर खाने से टाइफॉयड से राहत मिलती है।
तुलसी
तुलसी टाइफॉयड के लक्षणों को कम करने का एक बेहतरीन उपाय होता है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटीबायोटिक गुण बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करता है जिससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और टाइफॉयड से राहत मिलती है। 2-3 तुलसी के पत्ते को चबाने से आपको राहत मिल सकती है।
लहसुन
लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है जो उन बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है जिसके कारण टाइफॉयड की समस्या कम हो जाती है। टाइफॉयड के दौराना रोजाना खाली पेट 2 लहसुन का सेवन करें।
सेब का सिरका
सेब के सिरका में एसिडिक प्रॉपर्टी होता है जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और टाइफॉयड होने के खतरे को भी कम कर देता है। सेब का सिरका शरीर को भी ताकत प्रदान करता है। एक सप्ताह तक सेब के सिरका को शहद के साथ मिलाकर पीना लाभकारी साबित हो सकता है।