डायबिटीज तेजी से बढ़ती हुई बीमारी बन चुकी है। यह बीमारी हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। डायबिटीज का शिकार होते ही लोग महंगी दवाओं के फेर में पड़ जाते हैं। लेकिन कुदरती चीजों को अगर महत्व दिया जाए तो इनमें आपकी बीमारी को काफी हद तक कम करने की ताकत होती है। इसे लेकर ही बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बीते दिन एक ट्वीट किया था। जिसकी लोग काफी तारीफ कर रहे हैं।
दरअसल, डॉक्टर हर्षवर्धन ने अपने ट्वीटर हैंडल पर अखरोट खाने की सलाह दी थी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि अखरोट पौष्टिकता से भरे होते हैं। इसमें हेल्दीओमेगा -3 फैटी एसिड और डाइट्री फाइबर अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। रोजाना करीब 21-70 ग्राम अखरोट खाने से दिल की बीमारी का खतरा काफी कम रहता है। इसके साथ ही यह लिपिड प्रोफाइल को सुधारता है। अखरोड को अपनी डाइट में शामिल करनेस से शरीर की ऊर्जा की जरूरत को कम किया जा सकता है।
कई शोध और अध्ययन के जरिए सामने आया है कि अखरोट खाने से डायबिटीज की बीमारी से बचा जा सकता है। अखरोट में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होता है। इसे रोज खाने से टाइप-2 डायबीटीज़ के होने के खतरे को टाला जा सकता है। यूरोपियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन की रिपोर्ट में कहा गया था कि, ’30 ग्राम अखरोट यदि कोई मरीज एक साल तक रोजाना खाता है, तो यह उन मरीजों की तुलना में उनके इंसुलिन के लेवल में सुधार ला सकता है जो अखरोट नहीं खाते।’
येल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन केयर द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक, अखरोट का सेवन टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहतर है। अध्ययन में बताया गया था कि, रक्त धमनियों पर प्रभाव डालने के कारण यह काफी कारगर है। स्टडी में टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के दो समूहों को शामिल किया गया। इसमें एक ग्रुप ने अखरोट खाए लेकिन दूसरे ने इनका सेवन नहीं किया। पहले ग्रुप ने 8 हफ्ते तक अखरोट खाए थे। तय समय पर दोनों ग्रुप का आंकलन किया गया। जिसमें पाया गया कि, अखरोट खाने वाले समूह ने बेहतर प्रदर्शन किया। उनकी रक्त धमनियों में काफी सुधार हुआ। साथ ही स्टडी में सामने आया कि, अखरोट रक्त धमनियों के कार्य को सुधारता है। इसके अलावा अखरोट शरीर में इंसुलिन के लेवल को तेजी देता है।