UPSC क्लियर करने का सपना हर पढ़े-लिखे युवा का होता है, लेकिन कामयाबी सबको हासिल नहीं हो पाती है। कई बार कामयाबी हासिल नहीं होने के बाद कैंडिडेट्स निराश हो जाते हैं। आज हम आपको राज कमल यादव की कहानी बताएंगे। राज कमल ने साल 2013 में UPSC एग्जाम क्लियर किया था। UPSC CSE 2013 के एग्जाम में उन्हें 21 रैंक मिली थी और वह उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी बने थे। आज भले ही राज कमल आईएएस अधिकारी हैं, लेकिन उनका संघर्ष भी कोई छोटा नहीं था।

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राज कमल यादव ने एक इंटरव्यू में बताया था, मेरा सपना कभी भी सिविल सर्विस में जाने का नहीं था। मैं तो आर्मी ऑफिसर बनना चाहता था। मैंने इसके लिए कई एग्जाम भी दिए थे, लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिल पाई थी। मेरी शुरुआती पढ़ाई गांव में हुई थी। इसके बाद मेरा एडमिशन सैनिक स्कूल में हो गया था। मैंने चेन्नई में वेटेरनरी साइंस में ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद मैं आगे की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चला गया था।

राज कमल यादव बताते हैं, मेरे पिता ग्रामीण बैंक में कार्यरत थे। उन्होंने ही मुझे सबसे पहले आईएएस अधिकारी बनने के बारे में कहा था। अमेरिका जाने के बाद भी मुझे अपने पिता के बारे में ख्याल आता था। मैं वापस आ गया और यहां आकर मैंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। मैं पहली भी कई सरकारी नौकरियों की तैयारी कर चुका था। इसलिए यूपीएससी का सिलेबस देखने के बाद भी मुझे पता लग गया था कि मुझे अब सिर्फ मेन्स की ही तैयारी करनी है।

अपने इंटरव्यू का अनुभव साझा करते हुए राज कमल यादव ने कहा था, मेरे से इंटरव्यू में सैनिक स्कूल से पढ़ाई करने के बाद भी आर्मी में नहीं जाने के कारण के बारे में पूछा गया तो मैंने कहा कि अगर मुझे कभी भी आर्मी या सिविल में एक चुनने का मौका मिलेगा तो मैं आर्मी ही चुनुंगा। मेरे इस जवाब से इंटरव्यू में बैठे सभी लोग खुश हो गए थे और उन्होंने इस जवाब के लिए मुझे शाबाशी भी दी। बाद में मुझसे पेट संबंधी बीमारियों के बारे में पूछा गया था तो मैंने कहा था कि जो समोसा आप खा रहे हैं, सबसे ज्यादा पेट से संबंधित बीमारियों ये खाने से ही होती हैं।

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First published on: 11-10-2021 at 17:37 IST