अस्वस्थ आदतें और खान-पान के कारण लोगों को कई स्वास्थ्य समस्याएं होने लगी है, उनमें से एक छाती में दर्द होता है। छाती में दर्द कई बार घातक भी हो जाती हैं। छाती में दर्द हाई कोलेस्ट्रॉल होने की वजह से भी होता है। तनाव, रेस्पिरेट्री प्रॉब्लम्स, एसिडिटी, वायरल इंफेक्शन या फिर फेफड़ों में बलगम होने की वजह से कई बार छाती में दर्द होने लगता है। जिन लोगों की छाती में दर्द होता है उन्हें अपने आहार में कई प्रकार के बदलाव लाने की जरूरत है जैसे- अधिक फलों और सब्जियों का सेवन करना शुरू करना चाहिए और रोजाना एक्सरसाइज करना चाहिए। कुछ आयुर्वेदिक उपचार भी होते हैं जिनकी मदद से आप छाती के दर्द से निजात पा सकते हैं और ये उपचार शरीर के लिए भी कई प्रकार से लाभकारी होता है।
हल्दी:
तुलसी एक एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटी-बैक्टीरियल गुण होता है जो हृदय से जुड़ी समस्याओं के लिए लाभकारी होता है। हल्दी में कुरकुमिन नामक तत्व भी होता है जो शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर करता है और धमनियों से प्लाक को रिमूव करता है।
खाना बनाते वक्त उसमें हल्दी जरूर मिलाएं।
मेथी दाना:
मेथी दाना का इस्तेमाल आपकी छाती के भारीपन और कंजेशन को कम करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है।
मेथी दाना को रातभर पानी में डालकर छोड़ दें और फिर अगली सुबह उसे खाली पेट खा लें।
तुलसी:
तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होता है जो हृदय के कार्यो को रेगुलेट करता है। यह बैड कोलेस्ट्ऱॉल को नष्ट करता है और छाती के दर्द को कम करता है। तुलसी में मैग्निशियम होता है जो ब्लड फ्लो को रेगुलेट करता है और शरीर को रिलैक्स करता है।
रोजाना कम से कम 5-6 तुलसी चबाएं, इससे आपको बेहतर महसूस होगा।
मलेठी:
मुलेठी एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो हृदय से जुड़ी समस्या, पेट की समस्या और बुखार से राहत दिलाता है। मुलेठी में फ्लेवोनॉयड होता है जो शरीर के टॉक्सिंस को नष्ट करता है और धमनियों में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है।
मुलेठी के दानों को पीसकर उसको शहर के साथ मिलाकर खाने से आपको दर्द से राहत मिलता है।