हरी मटर न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होती है बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बेहद ही लाभदायक होती है। पोषक तत्वों से भरपूर मटर में फाइटोन्यूट्रिएंट्स, ल्यूटिन, ज़ेक्सैन्थिन और विटामिन (ए, बी, सी, ई और के) के साथ ही फाइबर की भी अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है। साथ ही मटर में लो फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बिल्कुल भी नहीं होती। वैसे तो हरी मटर बेहद ही फायदेमंद होती है, लेकिन कुछ लोग अधिक मुनाफा कमाने के लिए मटर पर भी केमिकल युक्त रंगों का इस्तेमाल कर देते हैं।

आज बाजार में बिकने वाली लगभग हर चीजों में मिलावट की जाती है। थोड़ा-सा मुनाफा कमाने के लिए लोग खाद्य पदार्थों में भी मिलावट कर देते हैं, जिसका असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसलिए खाद्य पदार्थ शुद्ध हैं या फिर मिलावटी इनकी पहचान करना बेहद ही जरूरी है। इन्हीं मिलावटी खाद्य पदार्थों पहचान करने और लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने ट्विटर पर एक नई पहल शुरू की है, जिसमें वह हर हफ्ते किसी न किसी खाद्य पदार्थ में मिलावट की जांच करने के लिए कुछ ट्रिक्स साझा करते हैं।

इस बार एफएसएसएआई ने मटर को लेकर कुछ ट्रिक्स बताए हैं, जिनके जरिए आप यह पता लगता है कि मटर पर रसायनिक रंगों का इस्तेमाल किया गया है या नहीं?

इस तरह करें मटर की जांच:

-मटर के कुछ दानों को लेकर उन्हें एक पारदर्शी गिलास में डाल दें।
-फिर इस गिलास में पानी डालें और आधे घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
-अगर पानी में किसी तरह का कोई रंग दिखाई नहीं दे रहा है तो इसका मतलब है कि मटर पर किसी रंग का इस्तेमाल नहीं किया गया है और यह पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
-लेकिन अगर गिलास का पानी हरा हो जाता है तो इसका मतलब है कि वह मिलावटी है। इस मिलावटी मटर को खाने से आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।

FSSAI द्वारा साझा किए गए इस आसान ट्रिक के जरिए आप असली और मिलावटी मटर की पहचान कर सकते हैं।