Bhai Dooj 2025: भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का पर्व भाई दौज 23 अक्टूबर को है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करके मिठाई खिलाकर गरी का गोला देती हैं। साथ ही भगवान से उनकी सुख-समृद्धि सहित लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे, जहां यमुनाजी ने उनका तिलक कर आदर-सत्कार किया था। तभी से यह परंपरा चली आ रही है। ऐसे में हम यहां आपको कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भाई-बहन को एक साथ पूजा और दर्शन जरूर करना चाहिए।

यमुना धर्मराज मंदिर, मथुरा | Yamuna Dharamraj Temple, Mathura

उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित यमुना धर्मराज मंदिर भाई-बहन को समर्पित है। मथुरा के विश्राम घाट में स्थित यह प्राचीन मंदिर यमराज और उनकी बहन यमुना माता को समर्पित है। यमुना और यमराज भगवान सूर्य के पुत्र और पुत्री हैं। कहा जाता है कि भाई-बहन यदि यहां यमुना में साथ स्नान करें और मंदिर में दर्शन करें, तो उनके बीच प्रेम बना रहता है। साथ ही उन्हें दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। इस मंदिर पर विशेष रूप से राखी और भाई-दूज पर सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है।

भैया बहिनी गांव, सीवान | Bhaiya Bahini Village, Siwan

सीवान जिले के महाराजगंज अनुमंडल स्थित दारौंदा प्रखंड के भीखाबांध गांव में बना भैया-बहिनी (Bhaiya Bahini) मंदिर भी भाई-बहन के प्यार को समर्पित है। यहां बहनें अपने भाइयों की सलामती के लिए पूरा करने आती है। मंदिर करीब 500 वर्ष पुराना बताया जाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां पर किसी मूर्ति या फोटो की पूजा नहीं होती। यहां भाई-बहन मिट्टी के पिंड और मंदिर के बाहर लगे बरगद के पेड़ों की पूजा करने आते हैं। कथा है कि एक भाई-बहन ने इसी स्थान पर समाधि ली थी, और उसी स्थान पर आज दो विशाल वटवृक्ष खड़े हैं, जिनकी जड़ों का कोई अंत नहीं।