बरसात का मौसम आते ही अनचाही गर्मी से छुटकारा मिल जाता है और तेजी से तापमान में भी गिरावट आ जाती है। लेकिन बारिश आने के साथ-साथ कई तरह की समस्याएं भी खड़ी हो जाती है। घर में सीलन, गीलापन और लगातार गंदगी का डर सताने लगता है। घर को खूबसूरत बनाने के लिए जिन दरियों, कालीनों, मैट्स का इस्तेमाल किया था। वहीं बारिश आते ही इन्हें लपेटकर बांध कर अलमारी में रख देते हैं, जिससे कि वह खराब न हो। इससे आपके घर के लुक को तो खराब हो ही जाता है। इसके साथ ही फ्लोर कवरिंग जैसी महत्वपूर्ण चीजों को इस तरह अचानक हटाने से काम भी बढ़ जाते हैं। अगर आप भी इस समस्या से हमेशा परेशान रहते हैं, तो इन टिप्स को अपनाकर बारिश के मौसम में दरियों, कालीनों और मैट्स को ठीक रख सकते हैं।

ऐसे कारपेट का करें इस्तेमाल

अगर आपके कारपेट, मैट्स थोड़े समय के लिए सीलन में है, तो ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचेगा। लेकिन जहां तक संभव हो सके इससे बचना चाहिए। अगर आप किसी ऐसे शहर में रहते हैं, जहां लंबे समय तक बारिश होती है, तो ऊनी और फर से बने खूबसूरत कार्पेट्स और मैट्स की जगह ज्यादा मॉइश्चर प्रूफ वाले मैट्स आदि खरीदे।

धूप दिखाएं

कार्पेट्स और मैट्स को कम से कम आधे घंटे के लिए धूप जरूर दिखानी चाहिए, क्योंकि इससे उनके अंदर फंसी नमी निकल जाती है। इसके अलावा रात में कुछ घंटों तक पंखे चलाकर छोड़ देना चाहिए ताकि दिन में कार्पेट और मैट सूखे रहे।

सफाई के लिए एक डिसइंफेक्ट का करें इस्तेमाल

घर की खिड़कियों को खुला रखना चाहिए, क्योंकि कमरे में ज्यादा आर्द्रता के कारण नमी पैदा होती है जिसके कारण बैक्टीरिया और फफूंद पनपते हैं। इससे रोग, एलर्जी आदि हो सकता है और आपके घर के इंटीरियर को नुकसान पहुंचता है। घर के फर्श को पोंछने के लिए क्लीनिंग एजेंट का प्रयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही फर्नीचर को साफ़ रखें। गीले छातों, जूतों, पहनने वाले और दूसरी तरह के कपड़ों को ज्यादा देर तक फर्श पर नहीं पड़े रहने दें। ड्राई फाइबर्स को दूर करने के लिए नियमित रूप से झाडू लगाएं और कार्पेट की धूल भी हटाएं।

वैक्यूम क्लीनर का करें इस्तेमाल

सप्ताह में नियमित रूप से दो या तीन बार वैक्यूम क्लीनर से सफाई करना चाहिए। बारिश के दौरान  कार्पेट्स और मैट्स को साफ़ रखने के लिए एक असरदार निवारक उपाय है। अधिक आर्द्रता और हवा,धूल के कण, फफूंद और दूसरे अपशिष्ट पदार्थ आसानी से फ्लोर की कवरिंग के भीतर घुस जाते हैं। वैक्यूम क्लीनर इस गंदगी को निकालकर फर्श की कवरिंग को गर्मी प्रदान कर सकता है, जिससे सारी नमी दूर हो जाती है।

झाग वाले शैंपू का करें इस्तेमाल

बरसात के मौसम के दौरान अपने कार्पेट को साफ़ करने के लिए ज्यादा नमी वाले साबुन या शैंपू का प्रयोग नहीं करें। इसके बदले फ्लोर कवरिंग की सफाई के लिए ड्राई-क्लीनिंग कंपाउंड या फोम वाले शैंपू का इस्तेमाल करें। इनमें से किसी एक घोल को अपने कार्पेट पर लगाकर मुलायम ब्रश से रगड़ें। धोने के बाद इसे धूप में रखें और वैक्यूम से अच्छी तरफ साफ़ करें ताकि बची-खुची गंदगी निकल जाए।

दरारों और रिसावों पर नजर रखें

बारिश शुरू होने से पहले ही अपने घर के आंतरिक और बाहरी स्वरूप की जांच कर लेना ज़रूरी है। इससे दरारों और लीकेज को समय रहते ठीक करने में मदद मिलेगी। दरारों की स्थिति में एक वाटरप्रूफ परत चढ़ाना कारगर होगा। सबसे बढ़कर नियमित रूप से वाटरपाइप्स को साफ़ करायें ताकि बरसात का पानी बाहर निकलने में कोई रुकावट नहीं हो, साथ ही टूटे- फूटे और जंग लगे ड्रेनेज पाइप्स को तुरंत बदल दें ताकि भारी वर्षा के दौरान ओवरफ्लो से बचा जा सके।

सपना कारपेट-मैट्स के डायरेक्टर निशीथ गुप्ता की बातचीत पर आधारित