जिन महिलाओं का वजन पैदा होने के समय कम रहता है उन्हें आगे चलकर प्रेग्नेंसी के दौरान परेशानी हो सकती है और उनमें दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होने का खतरा भी अधिक होता है। एक नए शोध से यह जानकारी मिली है। इस शोध में जन्म के समय कम वजन और तनाव की शिकार महिलाओं के प्रेग्नेंसी के बाद स्वास्थ संबंधी परेशानियों पर अध्ययन किया गया।

ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न विश्वविद्यालय के डॉक्टोरल छात्र ने कहा कि इस शोध से पता चला है कि तनाव और जन्म के समय कम वजन होने के कारण प्रेग्नेंसी के बाद मां के हृदय, दिल, किडनी, एड्रेनल और मेटाबोलिज्म स्वास्थ्य संबधी समस्याएं हो सकती हैं।

जन्म के समय कम वजन से प्रेग्नेंसी और सेहत को खतरा जिन महिलाओं का वजन पैदा होने के समय कम रहता है उन्हें आगे चलकर प्रेग्नेंसी के दौरान परेशानी हो सकती है और उनमें दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होने का खतरा भी अधिक होता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि दोनों जोखिम कारक मिलकर कोई बहुत अधिक जोखिम पैदा नहीं करते है। डॉक्टोरल छात्र के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं के उभरने के खतरे की पहचान और उसके बाद दीर्घकालिक रोगों की पहचान से समय रहते उसकी रोकथाम और उपचार के कदम उठाए जा सकते हैं।