Bad breath causes: सांसों की बदबू या मुंह से दुर्गंध आना एक आम समस्या है। ज्यादातर लोग सांसों की बदबू को मुंह की साफ-सफाई या फिर खराब पेट से जोड़ कर देखते हैं। लेकिन कई अन्य कारण भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। यह किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। कभी-कभी दांतों या मसूड़ों की बीमारी, कुछ बीमारियां जैसे किडनी की समस्या या मधुमेह आदि, हार्मोन में बदलाव या पेट या पाचन संबंधी समस्याएं भी इसका कारण बन सकती हैं। आइए जानते हैं-
सांसों की दुर्गंध के कारण
दिल्ली के ऑर्थोडॉन्टिस्ट डॉ. आलोक परमार बताते हैं कि सांसों की बदबू के लिए कई मेडिकल और नॉन-मेडिकल कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं। डॉक्टर परमार के मुताबिक केवल बच्चे ही ऐसे नहीं हैं जो अपने दांतों की सफाई या ब्रश नहीं करते हैं। बड़ी संख्या में ऐसे वयस्क भी हैं जो मुंह, जीभ, दांत आदि के स्वच्छता या देखभाल के बारे में नहीं जानते हैं।
जैसे दिन में कम से कम दो बार दांतों को ठीक से ब्रश न करना, दांतों को फ्लॉस न करना, नियमित रूप से जीभ की सफाई न करना या दांतों की नियमित जांच न करना आदि। इससे जीभ और दांतों में जमा गंदगी और इससे होने वाली बीमारियां सांसों में दुर्गंध पैदा करने लगती हैं।
मसूड़ों और दांतों से संबंधित रोग
डॉक्टर परमार के मुताबिक मौखिक स्वच्छता की कमी से बैक्टीरिया के संक्रमण या दांतों और मसूड़ों के रोग (पीरियडोंटल रोग) हो सकते हैं। इसके अलावा दांतों पर प्लाक जमा होना भी इस समस्या का कारण बन सकता है। दरअसल, जब दांतों पर प्लाक जमा हो जाता है, तो उनकी बाहरी परत घिसने लगती है और सड़न शुरू हो जाती है। वहीं अगर दांतों में कैविटी हो या पायरिया जैसी बीमारी हो तो सांसों में दुर्गंध की समस्या पैदा हो जाती है।
कई बीमारियों के हो सकते हैं संकेत
डॉ. आलोक परमार बताते हैं कि सांसों की बदबू को कई बीमारियों का लक्षण भी माना जाता है। उनमें से गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) आम है। दरअसल, इस बीमारी में पेट में बनने वाला एसिड ज्यादा खाने या अन्य कारणों से खाने की नली में पहुंच जाता है। वैसे तो यह प्रक्रिया शरीर में सामान्य होती है, लेकिन अगर यह किसी व्यक्ति में लगातार हो जाए तो इसे रोग की श्रेणी में रखा जाता है। सांसों की बदबू इस बीमारी का मुख्य लक्षण माना जाता है। इसके अलावा, किसी भी प्रकार का पेट का संक्रमण, विशेष रूप से हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण, जो पेट और छोटी आंत को प्रभावित करता है। इसके अलावा मधुमेह, गुर्दे की बीमारी, फेफड़ों में संक्रमण और यकृत की बीमारी सांसों की दुर्गंध को बदतर बना सकती है।
सांसों की बदबू से बचाव के उपाय
सांसों की बदबू की समस्या से बचने के लिए ओरल हाइजीन का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है। जिसके लिए कुछ नियमों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना बेहद जरूरी है। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं। दिन में कम से कम दो बार अपने दांतों को ब्रश करें यानी सुबह कुछ भी खाने से पहले और रात को सोने से पहले। कुछ भी खाने के बाद नियमित रूप से फ्लॉस करें। हो सके तो फ्लोराइड टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें और कुछ भी खाने या पीने के बाद साफ पानी से कुल्ला करें। हमेशा सॉफ्ट ब्रिसल वाले ब्रश का इस्तेमाल करें और ब्रश को हर चार महीने में बदल दें। नियमित अंतराल पर अपने दांतों की जांच करवाएं और खूब सारा पानी पीना चाहिए।