Teachers Day (शिक्षक दिवस) 2020 Speech, Essay, Quotes: हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षकों को समर्पित ये दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में कई अहम योगदान देने वाले सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 1952 में भारत रत्न की उपाधि भी दी गई थी। आधिकारिक तौर पर 5 सितंबर 1962 से भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत हुई। बता दें कि जब एक बार पूर्व राष्ट्रपति से सवाल किया गया कि वो अपना जन्मदिन किस तरह मनाना चाहते हैं तो इस पर उन्होंने कहा था कि अगर मेरे जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो उन्हें बेहद प्रसन्नता होगी। तब से प्रत्येक वर्ष इस दिन स्कूल व कॉलेजों में उत्सव का माहौल रहता है। इस कोरोना काल में अगर आपको ऑनलाइन स्पीच या निबंध के लिए कंटेंट चाहिए, तो आप यहां से मदद ले सकते हैं –
Happy Teacher’s Day (शिक्षक दिवस) 2020 Quotes: Read here
Speech 1: शिक्षक वह दीपक है जो हमारे अंदर ज्ञान का उजाला भरते हैं। एक शिक्षक अपना संपूर्ण जीवन हमें ज्ञान और सही रास्ता दिखने में लगा देते हैं। महान कवि कबीरदास जी ने भी कहा है कि यदि शिक्षक और भगवन दोनों सामने हो तो हमें पहले शिक्षक का चरण स्पर्श करना चाहिए। क्योंकि शिक्षक ही हमें ज्ञान दे कर भगवन तक पहुंचने का रास्ता दिखते हैं।
शिक्षक बिना किसी भेद – भाव के सभी छात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं। टीचर्स डे सभी छात्रों के लिए बहुत महत्व रखता है। इस दिन हम अपने शिक्षकों को बता सकते हैं कि उनका योगदान और मार्गदर्शन हमारे जीवन में कितना महत्व रखता है। इस दिन शिक्षकों और छात्रों का रिश्ता और भी मजबूत हो जाता है।
Speech 2: वास्तव में ये दिन डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिन है इन्होने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया है। इसलिए उनके सम्मान में उनके जन्म दिवस पर ये दिन मनाया जाता है। डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रपति बनने से पहले एक महान प्रतिशिष्ठ शिक्षक थे। इसलिए उनका जन्मदिन पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
छात्रों के व्यक्तित्व को आकार देने और भविष्य को उज्ज्वल बनाने में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उन्हें देश का एक आदर्श नागरिक बनाते हैं। हमारे माँ-बाप हमें देश का एक अच्छा नागरिक बनाने के लिए स्कूल में भेजते है। हालाँकि हमारे शिक्षक हमारे पूरे भविष्य को उज्ज्वल और सफल बनाने की जिम्मेदारी लेते है।
शिक्षक हमारे समाज का निर्माण करते हैं। वहीं हमारे मार्गदर्शक होते हैं। शिक्षक का स्थान माता पिता से भी ऊंचा होता है। माता-पिता बच्चे को जन्म जरूर देते हैं लेकिन शिक्षक उसके चरित्र को आकार देकर उज्वल भविष्य की नींव तैयार करता है। इसलिए हम चाहें कितने भी बड़े क्यों न होने जाए हमें अपने शिक्षकों को कभी नहीं भूलना चाहिए।
हर साल 5 सितंबर को शिक्षकों को विशेष सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस का आयोजन करते हैं। भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को ही भारत के शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक हमारे जीवन में ज्ञान प्रदान करने के साथ एक जीवन को दिशा भी देते है। शिक्षक ज्ञान का स्रोत है। मैं प्रत्येक छात्र से अनुरोध करता हूं कि सभी छात्र शिक्षकों की सलाह का पालन करें और देश का एक अच्छा नागरिक बनें।
शिक्षक सही मार्ग दर्शन के साथ हमारे भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। इसलिए कहा जाता है कि शिक्षकों का स्थान हमारे माता – पिता से भी ऊपर होता है। शिक्षा के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। जिस प्रकार हमारे शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार हमें जीवन में आगे बढ़ने और ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए शिक्षा की जरुरत होती है। सभी छात्रों को निस्वार्थ भाव से एक शिक्षक ही शिक्षा प्रदान कर सकता है। शिक्षक हमारे अंदर की बुराइयों को दूर कर हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं।
भारत में शिक्षक दिवस सबसे पहले वर्ष 1962 में मनाया गया था. देश के पूर्व उप-राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के तौर पर इस विशेष दिन को मनाया जाता है. कहा जाता है कि वे एक शिक्षक थे, जिन्होंने शिक्षा क्षेत्र में अपने 40 वर्ष दिए. उनका शिक्षा के क्षेत्र में काफी बड़ा योगदान रहा है. उनका जन्म 5 सितंबर को ही हुआ था. उप-राष्ट्रपति बनने के बाद सर्वप्रथम कुछ छात्रों ने मिलकर उनका जन्मदिन मनाना चाहा था. जिसे सुनते ही डॉ. राधाकृष्णन ने कहा कि मेरा जन्म दिवस मनाने से अच्छा है देश भर में शिक्षक दिवस मनाया जाए, तो मुझे गर्व होगा. तब से ही आज तक हर वर्ष देश भर के विभिन्न कॅालेज, संस्थान, या स्कूलों में 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा है.
आज 5 सितंबर है और हम सभी को पता है की आज शिक्षक दिवस है। हम सब हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का जश्न मनाते है। आज डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन है। डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन राष्ट्रपति बनने से पहले एक महान प्रतिशिष्ठ शिक्षक थे। इसलिए उनका जन्मदिन पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक छात्रों को अपने बच्चे के रूप में प्यार करते है। शिक्षक छात्रों में भेदभाव नहीं करते और सभी छात्रों पर ध्यान देते है। हमारे माँ-बाप हमें देश का एक अच्छा नागरिक बनाने के लिए स्कूल में भेजते है। हालाँकि हमारे शिक्षक हमारे पूरे भविष्य को उज्ज्वल और सफल बनाने की जिम्मेदारी लेते है।
आज शिक्षक दिवस है। मैं आप सभी को इस दिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शिक्षक हमारे जीवन से स्तंभ होते हैं। वह अपना समय देकर हमारे जीवन को संवारते हैं और आगे बढ़ाते हैं। शिक्षक ना सिर्फ हमें शिक्षा देते हैं बल्कि अच्छी-अच्छी चीजें भी सिखाते हैं। जीवन जीने को लेकर बातें भी बताते हैं। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस होता है जो एक शिक्षक थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी। इसलिए इस दिन को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आपको बता दें कि मां– पिताजी हमें जन्म देते हैं. लेकिन, सही-गलत का फर्क शिक्षक ही हमें सिखाते है. जिससे हमारा चरित्र निर्माण तो होता ही है साथ ही साथ सही मार्ग दर्शन भी मिलता है. जो हमारे उज्जवल भविष्य के लिए बेहद जरूरी है. यही कारण है कि शिक्षकों का स्थान माता – पिता से भी ऊपर होता है. कोरोना काल में हमारी शिक्षा व्यवस्था पर खासा प्रभाव पड़ा है. बावजूद इसके शिक्षा के बिना हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं. आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव होने वाली है. लेकिन, सभी छात्रों को निस्वार्थ भाव से एक शिक्षक ही शिक्षा दे सकती है. वे हमारे अंदर की बुराइयों को दूर कर हमें एक बेहतर इंसान बनाने के लिए काफी मेहनत करते हैं. अत: शिक्षकों के इस योगदान के लिए हमें अपने शिक्षकों का नमन करना चाहिए और उन्हें आदर व सम्मान करना चाहिए.
आज 5 सितंबर को हम सभी यहां शिक्षक दिवस मानाने के लिए एकत्र हुए हैं। सबसे पहले यहां मैजूद सभी शिक्षकों और शिक्षिकाओं को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। इस अवसर पर अपने विचार आप सभी के सामने व्यक्त करने का अवसर देने के लिए मैं आप सभी की आभारी हूं। शिक्षक दिवस को अंग्रेजी में टीचर्स डे भी कहते हैं। यह हर वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। डॉ. राधाकृष्णन एक विद्वान और बहुत बड़े शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में अपने दायित्वों को पूरा किया। शिक्षा के क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनके शिक्षा के प्रति लगन और शिक्षकों के प्रति आदर को देखते हुए उनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
किसी भी परिस्थिति में वो अपना संयम नहीं खोता है,
हर समस्या का उसके पास हल होता है,
शिक्षक ही है जो बना देता है जीवन
जो करे इनका सम्मान वही सफल होता है