देश की पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता रहीं सुषमा स्वराज का मंगलवार (6 अगस्त) को कार्डियक अरेस्ट के चलते उनका निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। सुषमा स्वराज बीते काफी वक्त से बीमार चल रही थीं। इसी के चलते उन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 न लड़ने का फैसला किया था। साल 2016 में उनकी किडनी फेल हो गई थी। इसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती किया गया था। जहां पर डायलिलिस पर रखा गया था। हालांकि एम्स में इलाज के बाद उनकी हालत बेहतर हो गई थी। जिसके बाद भी वह राजनीति में वह सक्रिय थीं।
बीते कुछ साल में कई हस्तियां कार्डियक अरेस्ट की चपेट में आ कर अपनी जान गंवा चुकी हैं। देश में कार्डियक अरेस्ट के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। यह अटैक इतना तेज होता है कि इंसान का संभलना करीब नामुमकिन के बराबर होता है। कार्डियक अरेस्ट से पहले किसी तरह की खास चेतावनी नहीं आती। हालांकि इसके बारे में जान और इसके लक्षणों को पहचान कर इसके खतरे को कम किया जा सकता है।
कार्डियक अरेस्ट क्या है?
शरीर में ब्लड का फ्लो दिल के धड़कने से पैदा होने वाले वैद्युत संवेग के कारण होता है। धड़कनें उखड़नें पर बॉडी में ब्लड का सर्कुलेशन धीमा और तेज हो जाता है। जिसका सीधा सा असर फेफड़ों और ब्रेन सहित शरीर के अन्य हिस्सों पर पड़ता है। इनके रुकते ही इंसान का दिमाग कंट्रोल खोने लगता है। इसी प्रक्रिया में उसकी नब्ज बंद होने लगती हैं। ऐसा होने पर इंसान को अगर तत्काल इलाज न मिले तो उसकी मौत हो जाती है।
कार्डियक अरेस्ट से पहले किसी तरह की खास चेतावनी नहीं आती। यह दिल में एक विद्युतीय खराबी के चलते होता है, इससे दिल की धड़कनें अनियंत्रित होने लगती हैं। ऐसी स्थिति तो arrhythmia कहते हैं। कार्डियक अरेस्ट का खतरा दिल के दौरे के कारण बढ़ जाता है। बहुत से केस में अचानक होने वाला कार्डियक अरेस्ट का कारण दिल का दौरा नहीं होता है। लेकिन दिल का दौरा कार्डियक अरेस्ट के पीछे बड़ा कारण होता है। इसके अलावा दिल की दूसरी खामियां भी कार्डियक अरेस्ट का कारण बन जाती हैं।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
सांसों के कम पड़ते जाना
हृदय में दर्द महसूस होना
चक्कर आना
हृदय का धक-धकाना
थकान रहना
कार्डियक अरेस्ट के कारण
डायबिटीज
कोलेस्ट्राल लेवल हाई रहना
व्यायाम न करना।
हाई ब्लडप्रेशर
हाइपरटेंशन
स्मोकिंग

