हेल्दी स्किन पाना हर किसी का सपना होता है। हालांकि, गर्मी के मौसम में चिलचिलाती धूप और सूरज से निकलने वाली हानिकारक यूवी किरणें त्वचा को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं। कुछ मिनटों के लिए ही इन हानिकारक यूवी रेज़ के संपर्क में आने से आपको टैनिंग, दाग-धब्बे, महीन रेखाओं, पिगमेंटेशन और डार्क स्पॉट्स आदि की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। चिंता की बात तो यह है कि ये खतरनाक यूवी रेज़ केवल बाहर ही नहीं, बल्कि घर के अंदर भी स्किन को उतना ही नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके चलते कम उम्र में व्यक्ति अपनी उम्र से कई साल बड़ा दिखाने लगता है। साथ ही यूवी रेज़ के संपर्क में आने से स्किन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इन खतरनाक रेज़ से खुद को कैसे बचाया जाए? आइए जानते हैं त्वचा विशेषज्ञों से-

द एस्थेटिक क्लिनिक्स की कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट, कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट और डर्मेटो-सर्जन डॉ. रिंकी कपूर के अनुसार, यूवी किरणों के लंबे समय तक संपर्क में रहने से आपकी त्वचा की कोशिकाओं पर असर पड़ सकता है। वहीं, इससे बचने का सबसे आसान और असरदार विकल्प है सनस्क्रीन। डॉ. कपूर के अनुसार, महिलाएं हो या पुरुष, हर किसी को घर के बाहर और अंदर भी सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए।

दिन में कितनी बार लगाएं सनस्क्रीन?

त्वचा विशेषज्ञ डॉ. आंचल पंथ बताती हैं कि अगर आप घर के अंदर हैं, तो आपको दिन में दो बार सुबह 9 बजे और दोपहर 1 बजे सनस्क्रीन लगानी चाहिए। वहीं, अगर आप घर से बाहर जा रहे हैं, तो आपको हर दो घंटे के अंदर इसे रिअप्लाई करना है। साथ ही सनस्क्रीन को आपको अपनी स्किन के हर उस हिस्से पर लगाना है, जिसे आप कपड़ों से नहीं ढक रहे हैं। जैसे- गर्दन, चेहरा, कान, पैरों का ऊपरी हिस्सा आदि।

इन सब के अलावा डॉ. पंथ और डॉ. कपूर दोनों ही दोपहर की धूप में कम से कम बाहर निकलने की सलाह देती हैं। दरअसल, इस समय सूरज से निकलने वाली यूवीए और यूवीबी रेज़ सबसे अधिक खतरनाक होती हैं, जो आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाकर स्किन कैंसर का कारण भी बन सकती हैं। ऐसे में कोशिश करें कि दोपहर की धूप में घर से बाहर ना निकलें।

पूरी बाजू के ढीले कपड़े पहनें

सनस्क्रीन लगाने से अलग डॉ. कपूर शरीर के अंगों को सूरज की खतरनाक यूवीए और यूवीबी किरणों से बचाने के लिए पूरी बाजू वाले, ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनने की सलाह देती हैं। साथ ही डॉ. कपूर के मुताबिक, स्कार्फ या धूप के चश्मे का उपयोग करके भी आप अपनी स्किन को काफी हद तक इस तरह की हानिकारक रेज़ से बचा सकती हैं।

चश्मों से करें खुद को प्रोटेक्ट

वहीं, डॉ. कपूर से सहमती जताते हुए आंचल पंथ कहती हैं कि चौड़े किनारे वाले धूप के चश्मे का उपयोग करना बहतर साबित हो सकता है, ये आपकी आंखों को पूरी तरह से ढक लेता है और इस तरह खतरनाक किरणें उन तक नहीं पहुंच पाती हैं।

ये सीरम हैं असरदार

आंचल पंथ के मुताबिक, सुबह के समय विटामिन सी, एजेलिक एसिड, फेरुलिक एसिड जैसे एंटीऑक्सीडेंट सीरम का उपयोग करने से भी यूवी रेज़ से खुद को बचाया जा सकता है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।