Preganancy problems: गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। इस बीच उन्हें कई तरह की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है । गर्भावस्था में खाने के बाद पेट में सूजन, गैस, अपच या कब्ज होना आम बात है। गर्भावस्था के दौरान पाचन तंत्र कमजोर होने के कारण महिलाओं में ये समस्याएं होती हैं। गर्भावस्था के दौरान इन समस्याओं से पूरी तरह छुटकारा पाना मुश्किल होता है। लेकिन, कुछ उपायों (Home remedies for gas acidity during pregnancy) से इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

आंवला: गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी से पीड़ित महिलाओं को आंवला खाना चाहिए। आंवला में ठंडक देने वाले, पित्तशामक गुण होते हैं, इसलिए इसका उपयोग एसिडिटी में सबसे अच्छा होता है।

अपर्याप्त नींद: गर्भवती महिलाओं में पित्त दोष बनने का एक और कारण अपर्याप्त नींद है। यह कई कारणों से भी होता है जैसे तनावपूर्ण जीवनशैली, अनहेल्दी फास्ट फूड खाने से। पूरी नींद लेने पर पित्त के लक्षण कम हो जाते हैं।

केला : केला पेट भरने के काम आता है। गर्भवती महिलाओं में सूखी उल्टी की परेशानी ज्यादा होती है क्योंकि पेट खाली होता है। केला शरीर को उच्च गुणवत्ता वाला पोटैशियम प्रदान करता है। यह पेट में एसिड बनने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। साथ ही ‘फाइबर’ शरीर में पाचन क्रिया को सुगम बनाता है। पित्त के मामले में सही केला खाने से इससे राहत मिल सकती है। केले में मौजूद पोटेशियम विषाक्त पदार्थों पर काम करता है और पित्त को कम करता है।

दूध : अगर आप ठंडा दूध पिएंगे तो तुरंत पित्त निकलेगा। पित्त को रोकने के लिए ठंडा दूध रामबाण है। दूध में मौजूद कैल्शियम पेट में हानिकारक एसिड के उत्पादन को रोकता है और अतिरिक्त एसिड को हटाने के लिए दूध को अवशोषित करता है। ठंडा दूध पीने से पित्त के कारण होने वाली पेट और सीने की जलन कम होती है। दूध पित्तयुक्त होता है और बिना चीनी या अन्य पदार्थ मिलाए ठंडा ही पीना चाहिए।

सौंफ: पारंपरिक तरीके से इस्तेमाल होने वाला सौंफ का अल्सर-रोधी कंपाउंड पाचन में सुधार करता है और कब्ज से राहत देता है। सौंफ पेट को ठंडक देती है और सूजन कम करती है। बस कुछ सौंफ चबाने से पित्त के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।

लेकिन ध्यान रहे कि हर महिला की स्थिति के अनुसार उपाय सुझाए जाते हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान कोई भी उपाय इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।