अगर आपने दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे से सफर किया है, तो आप सोनीपत के मुरथल पर कभी ना कभी तो जरूर ही ठहरे होंगे। वहीं, यहां रुककर आपने अमरीक-सुखदेव ढाबे के लजीज पराठे भी खाए होंगे। इन पराठों का नाम सुनने भर से ही मुंह में पानी आ जाता है। एक बार इन्हें चखने के बाद शाहद ही कोई इसका स्वाद भूल पाए। अगर आप भी स्वाद में लाजवाब इन पराठों के शौकीन हैं, तो बता दें कि इन स्पेशल पराठों की धूम अब भारत समेत दुनियाभर में देखने को मिल रही है। अपने अलग-अलग किस्म के पराठों के चलते मुरथल का अमरीक-सुखदेव ढाबा दुनियाभर के टॉप 150 लीजेंडरी रेस्टोरेंट में शुमार हो गया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला-

दरअसल, हाल ही में एक एजेंसी की तरफ से दुनिया के 150 लेजेंड्री रेस्टोरेंट की लिस्ट तैयार की गई है। इस लिस्ट में अमरीक सुखदेव को 23वां नंबर मिला है। बात शुरुआत कि की जाए तो साल 1956 में पंजाब के रहने वाले सरदार प्रकाश सिंह ने मुरथल फ्लाईओवर के पास एक छोटा सा ढाबा खोला था। उस समय यहां अधिकतर ट्रक चालक ही रुका करते थे। प्रकाश सिंह ने ढाबे का नाम अपने दोनों बेटों अमरीक और सुखदेव के नाम पर अमरीक-सुखदेव ढाबा रखा। उस समय उन्हें शायद ही अंदाजा हो कि एक दिन उनका ये छोटा सा ढाबा दुनियाभर में मशहूर हो जाएगा।

क्यों खास हैं यहां के पराठें?

बता दें कि अधिकतर लोग यहां आलू के पराठे खाने के लिए आते हैं। इन पराठों की खास बात यह है कि इन्हें खूब सारे सफेद मक्खन, दही और अचार के साथ परोसा जाता है। इसके अलावा यहां की कुल्हड़ वाली चाय भी काफी मशहूर है जिसमें चाय के ऊपर केसर के रेशे भी डाले जाते हैं। ऐसे में सुबह के समय हाईवे से गुजरने वाले लोग नाश्ते में स्पेशल चाय के साथ इन गरमागरम पराठों का स्वाद चखने के लिए जरूर रुकते हैं। खबरों की मानें तो अमरीक-सुखदेव ढाबे पर रोजाना 10 हजार के करीब लोग खाना खाते हैं। कहा जाता है कि एक महान संत बाबा कलीनाथ के आशीर्वाद की छाया में यह ढाबा तरक्की कर रहा है। यही वजह है कि यहां के किसी भी ढाबे पर मांसाहार नहीं मिलता है।

इन रेस्टोरेंट्स ने भी मचाई धूम:

अमरीक-सुखदेव से अलग 150 रेस्टोरेंट की लिस्ट में भारत के कुल 6 रेस्टोरेंट्स को जगह दी गई है, जिसमें से 12वें नंबर पर लखनऊ का फेमस टुंडे कबाबी रेस्टोरेंट है। यहां के गलावटी कबाब को फेमस व्यंजन बताया गया है। इसके अलावा लिस्ट में 17वें नंबर पर कोलकाता का पीटर कैट रेस्टोरेंट, 39वें नंबर पर बेंगलुरु का मावली टिफिन रूम, 87वें नंबर पर दिल्ली के करीम और 112वें नंबर पर मुंबई के राम आश्रय रेस्टोरेंट ने अपनी जगह बनाई है।