हर साल आने वाली वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया (आखा तीज) कहा जाता है। इस वर्ष यह संयोग सोमवार (9 मई) को पड़ा है। यह सोमवार को मृगशिरा नक्षत्र में एंव सुकर्मा योग में पड़ रही है। यह दिन सोने की खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है। इस बार 1 मई से ही भौतिक सुख, सम्पदा के संकेतक ग्रह शुक्र अस्त हो गये है। शुक्र के अस्त होने के कारण ही इस बार अक्षय तृतीया को विवाह की लग्न नहीं पड़ रही है। आइए जानते हैं कि यह अक्षय तृतीया क्यों महत्वपूर्ण है।

क्या हैं मुहूर्त?

इस अक्षय तृतीया सूर्योदय से लेकर रात्रि 12 बजकर 08 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा और सूर्योदय से लेकर रात्रि 12 बजे तक अमृत सिद्धि योग रहेगा। बता दें कि सोने, चॉदी व पीतल के आभूषण खरीदने के लिए अमृत सिद्धि योग शुभ होता है जबकि वाहन, टीवी, फ्रिज, एसी, कूलर आदि इलेक्ट्रानिक समानों की खरीद्दारी के लिए सर्वार्थसिद्धि योग अच्छा है। खरीद्दारी के शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 30 मिनट से 10:20 मिनट तक। सुबह 10:35 मिनट से दोपहर 01:03 मिनट तक। मध्यान्ह 01:20 मिनट से अपरान्ह 05:33 मिनट तक। रात्रि 8:17 मिनट से 9:46 मिनट तक हैं।

क्या खरीदें?

अगर आप भी बरकत चाहते हैं इस द‌िन सोने या चांदी के लक्ष्मी की चरण पादुका लाकर घर में रखें और इसकी न‌ियम‌ित पूजा करें। इसके अलावा कौड़िया, एक आंख वाला नारियल, पारद या स्फटिक का बना कछुआ, श्रीयंत्र, दक्षिणवर्ती शंख और श्वेतांक गणपति इत्यादि घर ला सकते हैं। ज्योतिष के मुताबिक इन चीजों को घर लाने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।

क्या है महत्व?

कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने नर-नारायण और हयग्रीव के रूप में इसी तिथि को अवतार लिया था। इस तिथि से ही सतयुग आदि युगों का प्रारंभ होने के कारण इसे युगादि तिथि भी कहते हैं। यह दिन सोने की खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन सोने के आभूषणों की जम कर खरीदारी की जाती है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन किए गए पूजा-पाठ, जप-तप, हवन, स्वाध्याय आदि का अक्षय फल मिलता है। बद्रीनाथ धाम के कपाट भी इसी तिथि से खुलते हैं। वृंदावन स्थित श्री बांकेबिहारीजी के मंदिर में केवल इसी दिन श्रीविग्रह के चरण दर्शन होते हैं।

क्या है बाजार की हलचल?

आर्थिक रूप से यदि दिन के महत्व को ध्यान में रखते हुए गोल्ड ईटीएफ में कारोबार का वक्त सोमवार को बढ़ाकर शाम 7 बजे तक कर दिया गया है। इस मौके पर सरकार सोने के 2 नए सिक्के लॉन्च करेगी। जानकारी के मुताबिक 1 सिक्के पर महात्मा गांधी की तस्वीर होगी और दूसरे पर अशोक चक्र बना होगा।

क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र?

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सूर्य व चंद्रमा दोनों ही महत्वपूर्ण ग्रह हैं। चंद्रमा मन का स्वामी है और समस्त परिणामों को प्रभावित करता है, वहीं सूर्य नक्षत्र मंडल का स्वामी हैं। दोनों प्रत्यक्ष देवों की श्रेणी में आते हैं। चूंकि अक्षय तृतीया के दिन दोनों ही ग्रह अपनी उच्च राशि में होते हैं। यही कारण है कि इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है।