नहाने के लिए लूफा का इस्तेमाल करना लगभग हर महिला की पसंद है। हो भी क्यों ना, आखिर ये स्किन को स्क्रब करने का बेहतरीन तरीका जो है, साथ ही इससे आसानी से डेड स्किन सेल्स से भी छुटकारा पाया जा सकता है। अगर आप भी कुछ ऐसा ही सोचते हैं, तो शायद आपको इसपर और विचार करने की जरूरत है। हाल ही में सामने आई एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि जिस लूफा का इस्तेमाल हम शरीर की सफाई के लिए करते हैं, असल में वो हमारे शरीर को और ज्यादा गंदा कर रहा है। इतना ही नहीं, गंदगी के साथ-साथ लूफा गंभीर बीमारियों का कारण भी बन रहा है। रिसर्च में दावा किया गया है कि हर रोज लूफा का इस्तेमाल करने से हमारी त्वचा को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-

क्या कहती है रिसर्च?

  • जर्नल ऑफ क्लीनिकल माइक्रोबायोलॉजी (Journal of Clinical Microbiology) में प्रकाशित हुए रिसर्च के नतीजों में सामने आया है कि नहाने के लिए हर रोज लूफा का इस्तेमाल करने से उसमें स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus Aureus) नामक बैक्टीरिया पनपने लगते हैं जो सेल्युलाइटिस, फॉलिकुलिटिस जैसे इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं।
  • इस बात में कोई दोराय नहीं है कि लूफा हमारी डेड स्किन सेल्स को हटाने और बॉडी से गंदगी को साफ करने में कारागार है। हालांकि, हम इस बात से अनजान रह जाते हैं कि जब हम लूफा से नहाते हैं, तब हमारी स्किन से निकलने वाली ये गंदगी लूफा में फंसी रह जाती है। ऐसे में इसमें तमाम तरह के कीटाणू और फफूंदी पनपने लगते हैं। वहीं, एक बार नहाने के बाद जब हम दोबारा इसका इस्तेमाल करते हैं, तो ये बैक्टीरिया और गंदगी स्किन में मिलकर स्किन इन्फेक्शन का कारण बनते सकते हैं।
  • रिसर्च में दावा किया गया है कि लूफा का इस्तेमाल करने के बाद अगर आपने उसकी ठीक तरह से सफाई नहीं की है या उसे धूप में नहीं सुखाया है, तो उसमें कैंडिडा या डर्माटोफाइट्स जैसे फंगल पैदा होने की संभावना अधिक हो जाती है। इसके चलते आपको दाद, खुजली या यीस्ट इंफेक्शन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • अगर आपका लूफा ठीक तरह से नहीं सूखा है, तो उसमें मौजूद कीटाणु एक्जिमा और सोरायसिस जैसी स्थितियों को पैदा कर सकते हैं।
  • इन सब के अलावा जिन लोगों की स्किन ड्राई होती है, उनके लिए भी लूफा का इस्तेमाल परेशानी का सबब बन सकता है। डेड स्किन को निकालने के लिए हर रोज लूफा का इस्तेमाल आपकी त्वचा को अधिक ड्राई बना सकता है। कई बार इससे स्किन के छिलने का खतरा भी बढ़ जाता है या ड्राई स्किन वालों के लिए ये एलर्जी का कारण भी बन सकता है।

क्या है सही विकल्प?

रिसर्च के मुताबिक, पुराने जमाने में लोग नहाने के लिए नारियल के खाल से बने नेचुरल लूफा का इस्तेमाल किया करते थे। हालांकि, अब बाजार में इसकी तमाम तरह की वैरायटी आ गई हैं। प्लास्टिक या सिंथेटिक फाइबर से बने होने के चलते कई लूफा लंबे समय तक खराब नहीं होते हैं, जिसके चलते आप इनका इस्तेमाल भी अधिक समय तक करते हैं। हालांकि, ऐसा करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। त्वचा विशेषज्ञ हर तीन सप्ताह में लूफा को बदलने की सलाह देते हैं। वहीं, अगर थोड़े ही समय बाद आपके लूफा का रंग बदल गया है या इससे किसी तरह की गंद आने लगी है, तो तुरंत इसका इस्तेमाल करना बंद कर दें।

नहाने के बाद धूप या तेज हवा में लूफा को सुखाना बिल्कुल ना भूलें, इससे उसमें कीटाणु पनपने के चांस कुछ हद तक कम हो जाएंगे। अपने बाथ स्क्रबर को अच्छी तरह से कीटाणुरहित करने के लिए आप प्राकृतिक लूफा का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही नहाने के बाद इसे 20 सेकंड के लिए माइक्रोवेव करना भी असरदार साबित हो सकता है।