Sita Navami 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार सीता नवमी 5 मई को है। इस दिन माता सीता और प्रभु श्री राम की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सियाराम की उपासना करने से मां लक्ष्मी के साथ विष्णु का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन माता सीता की पूजा करके उन्हें सोलह श्रृंगार चढ़ाया जाता है। सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन विवाहित महिलाओं को भी 16 श्रृंगार (Solah Shringar) करके पूजा करनी चाहिए। आइए जानते हैं किन चीजों को करें श्रृंगार में शामिल और इसके पीछे की खास वजह।

सीता नवमी पर 16 श्रृंगार करने की वजह

तीज-त्योहार पर विवाहित महिलाएं श्रृंगार करके की पूजा में बैठती हैं। सीता नवमी पर 16 श्रृंगार करने के पीछे भी यही वजह है। मातारानी के श्रृंगार करने का विशेष महत्व है। इसलिए घर की महिलाओं को भी सोलह श्रृंगार करके ही सीता माता की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से मां सीता प्रसन्न होती है।

16 श्रृंगार में कौन-कौन सी चीजें आती हैं?

सुहागिन महिलाओं के 16 श्रृंगार में 16 अलग-अलग चीजों को शामिल किया जाता है। आइए देखें इसकी पूरी लिस्ट।

लाल जोड़ा
बिंदी
मेहंदी
सिंदूर
गजरा
काजल
मांग टीका
चूड़ियां
नथ
बाजूबंद
कानों के झुमके
पायल
अंगूठी
बिछिया
मंगलसूत्र
कमरबंद

सीता नवमी पर कैसे करें श्रृंगार ?

सीता नवमी पर महिलाएं सोलह श्रृंगार करने के लिए सबसे पहले शादी का जोड़ा पहनें। अगर वो नहीं पहनना चाहती हैं तो कोई भी लाल रंग की साड़ी या सूट पहन सकती हैं। इसके बाद ऊपर बताई गईं सारी चीजों को एक-एक करके पहनें।

श्रृंगार सामग्री के दान का विशेष महत्व

सीता नवमी के दिन श्रृंगार सामग्री के दान करने का भी विशेष महत्व होता है। इसके लिए महिलाएं माता सीता की पूजा करते समय यथासंभव श्रृंगार सामग्री अर्पित करें। फिर अगले दिन उसी सामग्री को किसी सुहागिन महिला (पंडित) को दान कर दें।