UPSC Success Stories: जब भी कोई बड़ा सपना देखता है तो उसे पूरा करने के लिए उस स्तर की मेहनत भी करता है। वैसे किसी ने सच ही कहा है, “जब इरादा बना लिया हो ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिजूल है कद आसमान का” यह पंक्ति झारखंड की श्रुति राज लक्ष्मी के ऊपर एकदम सटीक बैठती हैं।

श्रुति राज लक्ष्मी ने परिवार के साथ-साथ झारखंड का भी नाम रोशन किया है। श्रुति ने 31.5 लाख के सालाना पैकेज की नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी की और दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा 2021 पास करते हुए 25वीं रैंक हासिल की है। जबकि वह पहले प्रयास में प्रीलिम्स परीक्षा पास नहीं कर पाई थी।

2019 में आईआईटी बीएचयू से कंप्यूटर साइंस में डिग्री लेने वाली श्रुति ने जनसत्ता डॉट कॉम से बातचीत करते हुए बताया कि कोई भी काम ईमानदारी से करने की जरूरत है। चाहे आप परीक्षा की तैयारी कर रहे हों या नौकरी की। मैंने अपने जीवन में अब तक जो कुछ भी किया है, उसे ईमानदारी से किया है और मुझे पूरा विश्वास है कि मैं आगे भी करता रहूंगा। आइए जानते हैं इनके बारे में-

IIT बीएचयू से कंप्यूटर साइंस में स्नातक

श्रुति का परिवार मूल रूप से बिहार के भागलपुर जिले में स्थित अंबा गांव का रहने वाला है। श्रुति ने 10वीं की पढ़ाई लोयोला स्कूल जमशेदपुर से और 12वीं दिल्ली के डीपीएस आर. पुरम से; इसके बाद उन्होंने आईआईटी बीएचयू से कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल करने के बाद साल 2019 में नौकरी करने का फैसला किया।

माता-पिता का सपना था कि बेटी बड़ी होकर बने आईएएस अफसर

जनसत्ता डॉट कॉम से बातचीत में श्रुति ने बताया कि माता-पिता का सपना था कि मैं बड़ी होकर आईएएस अफसर बनूँ। श्रुति का कहना है कि मां-पिता की इच्छा पूरी हुई। श्रुति रोजाना सात से आठ घंटे पढ़ाई करती थीं। मुख्य परीक्षा में एंथ्रोपोलॉजी विषय था। विषय रखने के पीछे उनका तर्क यह है कि सात से आठ महीने तक विषय की तैयारी करनी होती है। इसलिए जिस विषय में पढ़ने में रुचि और सामग्री उपलब्ध हो उसे वहीं रखना चाहिए। रांची के कांके रोड स्थित पंचवटी एन्क्लेव में रहने वाले श्रुति के पिता डॉ. आनंद कुमार अधिवक्ता हैं, जबकि मां प्रीति रानी सीडीपीओ हैं। माता-पिता की शुरू से ही इच्छा थी कि बेटी आईएएस बने। जब उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दिया तो उन्हें तैयारी में घरवालों का पूरा साथ मिला। छोटी बहन वैष्णवी भी आईआईटी कानपुर में पढ़ रही है।

31.5 लाख रुपये का सालाना पैकेज छोड़ शुरू की तैयारी

श्रुति ने जब नौकरी छोड़ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया था; तब वह गोल्ड मैन बैंक कंपनी, बैंगलोर में 31.5 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर काम कर रही थीं। श्रुति ने बातचीत के दौरान बताया कि, “पहला प्रयास खुद को जांचने और पैटर्न को समझने के लिए दिया था।” इसके अलावा उन्होंने बताया कि बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा की तैयारी की और तैयारी के दौरान वह सोशल मीडिया से भी दूर रहीं। हालांकि, उसने कहा कि वह परीक्षा की तैयारी के लिए इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल करती थीं।


UPSC Success Story | IAS Success Story | UPSC Result 2021
Shruti Raj Laxmi Success Story (Image: Shruti)

खुद को परखने के लिए पहुंची दिल्ली

श्रुति, रांची में अपने घर पर रहकर प्रीलिम्स परीक्षा की तैयारी की थी। हालांकि, वह मेन्स परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली आई और एक टेस्ट सीरीज जॉइन किया ताकि खुद की तैयारी को परख सकें। वह बताती हैं कि उन्होंने इस बार भी उम्मीद नहीं की थी, लेकिन रिजल्ट जारी होने के बाद वह पूरी तरह से हैरान रह गईं और उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।

आईएएस एस्पिरैंट के लिए दिए टिप्स

श्रुति ने अपनी तैयारी को लेकर सबसे अहम टिप्स दिए हैं। श्रुति ने बताया कि, “जिन छात्रों को लगता है कि उनका खुद पर नियंत्रण नहीं है, तो उन्हें परीक्षा की तैयारी के दौरान मोबाइल से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। ऐसा नहीं है कि मोबाइल के बिना काम नहीं हो सकता।” साथ ही उन्होंने कहा कि किसी टॉपिक को पढ़ने के बाद समय-समय पर उसका रिवीजन करते रहना चाहिए। ज्यादा किताबों के पीछे न भागें और समय-समय पर टेस्ट सीरीज के जरिए अपनी तैयारी का आकलन करते रहें।