इन दिनों ‘सेल्फी’ शब्द लोगों की जुबान पर इस कदर चढ़ा है कि उतरने का नाम ही नहीं ले रहा। यही नहीं सेल्फी की दीवानगी ने इसे ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द इयर भी बना दिया है।
फोटोग्राफिक ट्रेंड में सबसे आगे है सेल्फी। सिर्फ बॉलीवुड सितारें ही नहीं, टीनएजर्स तक फेसबुक-ट्विटर में अपनी सेल्फी अपलोड करते नजर आ रहे हैं। अब इस ‘सेल्फी’ को लेटेस्ट ट्रेंड कहे या किसी सनक का नाम दें, यह आप पर निर्भर करता है।
पहले लोग एक अच्छी तस्वीर के लिए हमेशा एक-दूसरे पर निर्भर रहा करते थे लेकिन अब वक्त बदल गया है अब लोग खुद की ही फोटो खींचने में ज्यादा विश्वास रखते हैं।
सेल्फी का चलन तब से शुरू हुआ जब लोग खुद अपनी तस्वीरें खींच कर सोशल मीडिया पर अपलोड और साझा करने लगे।
जहां कुछ लोग सेल्फी को फैशन ट्रेंड के रूप में अपना रहे तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग सेल्फी का एक नया रूप सामने लाने में सहायता कर रहे। जी हां सेल्फी का उपयोग युवा पीढी में बालिका शिक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने के प्रयास के तौर पर किया जा रहा है।
दरअसल एक ग्लोवल ह्यूमनराइट समूह ने लड़कियों को स्कूल भेजने का बीड़ा उठाया है और लोगों से उनकी ‘सेल्फी’ बनाने का आग्रह भी किया है। इस अभियान का नाम ‘सेल्फीज4स्कूल’ है जिसकी शुरूआत 5 सितंबर, 2014 से ही हुई है। इस अभियान के तहत शिक्षित युवाओं से अपना फोटो खींचने और ट्विटर, फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर इसे सेल्फीज4स्कूल वाक्यांश के साथ पोस्ट करने का आग्रह किया गया है।