जिस तरह कपड़ों में फैशन बदलता रहा उसी तरह वुमेंस लॉन्जरी में भी समय के साथ बदलाव आता गया। क्रोसेट्स से लेकर ब्रालेट्स तक कई एक्सपेरिमेंट्स किए गए जो ड्रेस की खूबसूरती और ज्यादा बढ़ाने लगे। एक नजर बदले लॉन्जरी ट्रेंड पर।
बेल शेप्ड हूप्ड स्कर्ट 17वीं सदी की शुरुआत में आई थीं। ये सबसे पहले फ्रांस में आईं। लेकिन सेक्सुएलिटी दिखाने वाले ड्रेस बताकर इसका विरोध भी किया गया। वहीं यह भी कहा जाने लगा कि ये स्कर्ट अनवांटेड प्रेग्नेंसी को छुपाने के लिए डिजाइन की गई है।

कुछ सालों बाद इसे अनकंफर्टेबल और बहुत जगह घेरने वाली ड्रेस बताकर बंद कर दिया गया।

18वीं सदी के शुरुआत से बीच तक हूप स्कर्ट में एक्सपेरिमेंट किया गया। अब यह स्कर्ट आगे-पीछे से फ्लैट और हिप्स के तरफ थोड़ी ऊंची होने लगी।

इन ड्रेसेज में बदलाव आए और क्रोसेट्स की शुरुआत हुआ। ये आपकी बॉडी को एक शेप देने के लिए पहनाए जाते थे। ये इतने टाइट होते थे कि कभ-कभी महिलाएं बेहोश हो जाती थीं यहां तक कि पसलियों की हड्डियों को भी नुकसान पहुंचता था।

1920 के दशक में डेकोरेटिव और फ्लैशी लॉन्जरी फैशन में आई।

फ्लैपर्स का क्रेज कम करते हुए स्लिप्स का फैशन आया जो पहले से कहीं ज्यादा सेक्सी और स्मार्ट लगने लगीं।

1930 के दशक में लॉन्जरी जैज लुक में आ गई। ये महिलाओं के कर्व्स और शेप बेहतरीन ढंग से दिखाती थीं।

धीरे-धीरे शॉर्टर और मॉडर्न लुकिंग लॉन्जरी बाजार में आने लगी। ये 16वीं और 17वीं सदी में अवेलेबल लॉन्जरी से ज्यादा कंफर्टेबल और बेहतरीन थी।

1950 में क्रोसेट एक बार फिर ट्रेंड में आए। लेकिन इस बार ब्रेस्ट को सपोर्ट करने के लिए इनमें अंडरवायर्स लगे होते थे। यह स्टाइल बेसिकली ईवनिंग वीयर के साथ पहनने के लिए बनाया गया था।

लॉन्जरी बनाने के लिए रेयॉन फैब्रिक का इस्तेमाल होने लगा। इससे अंडरगार्मेंट्स ज्यादा कंफर्टेबल और सॉफ्ट बनने लगे।

2000 में में वनपीस अंडरगार्मेंट फैशन में आए।

2000 में स्पैंक्स और शेपवियर भी आए। ये ज्यादातर फॉर्मल ड्रेस के अंदर पहने जाते हैं। कई महिलाएं इसे रोजाना भी पहनती हैं।

आज लॉन्जरी काफी बदल गई है। इसमें बिल्ट इन सपोर्ट, कई कलर्स, साइज और डिजाइन आने लगे हैं। अब आप ऑनलाइन ही कई डिजाइन और कलेक्शन खरीद सकते हैं।


