Republic Day (Gantantra Diwas) 2020: 26 जनवरी को भारत अपना 71वां गणतंत्र दिवस मनाएगा, इस दिन का भारत के इतिहास में विशेष महत्व है। 1948 की शुरुआत में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने संविधान की रूपरेखा तैयार कर उसे संविधान सभा में प्रस्तुत किया। नवंबर 1949 में इसमें कुछ और संशोधन कर इसे स्वीकार किया गया। 26 नवंबर, 1949 को ही भारत का संविधान अपनाया गया था। पर इसे पारित 26 जनवरी 1950 को किया गया।
पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव- संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी का ही दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 1929 में इसी दिन अंग्रेजों की गुलामी के विरुद्ध कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पास किया था। सन् 1929 के दिसंबर में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ जिसमें यह घोषणा हुई कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमीनियन का पद नहीं देगी तो भारत खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र घोषित कर देगा।
संविधान दिवस भी मनाया जाता है- भारत के आजाद होने के बाद संविधान सभा गठित हुआ जिसने अपना कार्य 9 दिसंबर 1946 से शुरू किया। दुनिया का सबसे बड़े लिखित संविधान को बनाने में लगभग 2 साल, 11 माह, 18 दिन लगे। संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सौंपा गया, इसलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है। संविधान सभा ने संविधान निर्माण के समय कुल 114 दिन बैठक की थी और इसमें प्रेस और जनता भी हिस्सा बनने के लिए आजाद थी। अनेक सुधारों और बदलावों के बाद सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए। इसके दो दिन बाद 26 जनवरी को संविधान देश भर में लागू हो गया।
गणतंत्र दिवस का महत्व- गणतंत्र दिवस के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था इसलिए गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। भारतीय संविधान की दो प्रतियां जो हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी गई। इनकी मूल प्रतियां संसद भवन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी हुई हैं। इस बात से ही संविधान और गणतंत्र दिवस के महत्व को समझा जा सकता है। हमारे देश में गणतंत्र दिवस समारोह धूमधाम से मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन भारत के राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं और राष्ट्रगान गाया जाता है। इसके अलावा देश के सैनिक परेड करते हैं।

