चेहरे की एक्स्ट्रा चर्बी (Face Fat) को लेकर आज के समय में लोग काफी परेशान हैं। डबल चिन, आई बैग्स, और फूले हुए गाल चेहरे की खूबसूरती को कम कर देते हैं। अपने चेहरे की खूबसूरत को बनाने के लिए लोग महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, चेहरे की चर्बी को ब्यूटी प्रोडक्ट्स से कम नहीं किया जा सकता। इसके लिए नेचुरल तरीके ही फायदेमंद साबित होते हैं। ऐसे में चेहरे की चर्बी को कम करने के लिए आप लाइफस्टाइल, खाने-पीने में बदलाव करने के साथ ही योगासन करने से भी काफी लाभ मिलता है।

बता दें, कई बार शरीर का पोश्चर गलत होने से चेहरे पर चर्बी बढ़ती है। ऐसे में गर्दन को हमेशा आगे की तरफ झुकाए रखने से चेहरे की चर्बी की समस्या बढ़ जाती है। इससे भी चेहरा मोटा दिखता है। ऐसे में आप जब भी बैठें अपनी गर्दन को सीधी रखें। इससे डबल चिन नहीं बनेगी।

साथ ही योग करने से चेहरे की चर्बी तो कम होगी ही साथ ही फेस पर नेचुरल ग्लो भी आएगा। यूं तो लोग अक्सर महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल अपनी स्किन को निखारने के लिए करते हैं, लेकिन योगासन की मदद से ग्लोइंग स्किन भी आसानी से मिल जाएगी। चेहरा का योगासन बेहद ही आसान होता है, ऐसे में आप यह योग कर सकते हैं।

फिस फेस (Fish Face): फिस फेस योगासन करने के लिए आप अपने गालों को अदंर की तरफ खींच लें। जिस तरह सेल्फी लेने के लिए मुंह का पाउट बनाया जाता है, उसी तरह 30 सेकेंड के लिए आप अपने गालों को अंदर की तरफ खींच लें और उसी अवस्था में छोड़ दें। इसी तरह चार से पांच बार इस क्रिया को करें। कुछ समय बाद आपको अपने चेहरे में फर्क दिखना शुरू हो जाएगा।

मुंह को फुला कर करें योगासन: अपने चेहरे से एक्स्ट्रा चर्बी कम करने के लिए अपने दोनों गालों को पुला लें। फिर ओ की आवाज करते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़े, इस क्रिया को कम से कम पांच बार करें। ऐसा करने से आपके चेहरे का फैट बर्न होगा।

 

किस द सीलिंग (Kiss The Ceiling): इस योगासन के दौरान आप सीधे खड़े हो जाएं। फिर अपनी आंखों से छत को देखें। इस दौरान आपकी कमर बिल्कुल सीधी होनी चाहिए। छत की ओर देखते हुए किस करने का फेस बनाए। ऐसा चार से पांच बार दोहराएं। इससे आपकी jawline और गालों की मांसपेशियां मजबूत हो जाएंगी।

 

वज्रासन के दौरान करें फेस योग: वज्रासन की मुद्रा में बैठकर अपनी जीभ को बाहर निकालें। जितना हो सके उतना ज्यादा निकालें। हालांकि, इस दौरान मांसपेशियों पर ज्यादा दबाव ना डालें। इस दौरान सांस को भी नियंत्रित रखें। इस प्रक्रिया को भी छह से सात बार दोहराना चाहिए।