हिंदू मान्यताओं के अनुसार रामनवमी तक नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान पूजा करने से माताजी खुश होती हैं और यह समय पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ है। ऐसे समय में हर कोई माता को खुश करना चाहता है। इसलिए हम लाएं हैं आपके लिए आपकी राशि के अनुसार कुछ मंत्र, जिनका जाप करने से माता की कृपा आप पर बरसने लगेगी। अगर आपने अपनी राशि के अनुसार इन मंत्रों का जाप किया तो नि:संदेह आपको शीघ्र सफलता मिलेगी। इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति कई प्रकार के संकटों से मुक्त रहता है। इतना ही नहीं आर्थिक रूप से संपन्न हो जाता है।
मेषः ऊॅं पुरुष्कृति नमः
वृषभः ऊॅं जलोदरी नमः
मिथुनः ऊॅं सर्वबाधा नमः
कर्कः ऊॅं घोररुपा नमः
सिंहः ऊॅं शिवदूती नमः
तुलाः ऊॅं व्याधिनाशिनी नमः
वृश्र्शिकः ऊॅं पाश-धारिणी नमः
धनुः ऊॅं सर्वसिद्धि नमः
मकरः ऊॅं मांगल्ये नमः
कुंभः ऊॅं प्रभा नमः
मीनः ऊॅं सती नमः
क्यों मनाए जाते हैं नवरात्रे
नवरात्रों के त्योहार के मानने के बारे में ऐसी मान्यता है कि लंका में जब युद्ध हो रहा था तो ब्रह्माजी ने श्रीराम को रावण वध के लिए चंडी देवी का पूजन करके देवी को प्रसन्न करने को कहा। देवी को खुश करने के लिए श्रीराम ने पूजा शुरु कर दी। उधर रावण में भी अमरत्व प्राप्त करने के लिए चंडी पाठ प्रारंभ कर दिया। रावण के पूजा करने की बात इन्द्रदेव ने श्रीराम तक पहुंचवा दी। रावण ने अपने जादू से श्रीराम के पूजा स्थल पर रखी हवन सामग्री को गायब कर दिया। रावण श्रीराम की पूजा में बाधा डालना चाहता था।
जब भगवान राम की पूजा में बाधा से संकल्प टूटने की कगार पर था तो सभी को इस बात को डर सताने लगा कि कहीं मां दुर्गा गुस्सा ना हो जाएं। इसी दौरान भगवान राम को याद आया कि मां दुर्गा को कमल-नयन नवकंज लोचन भी कहा जाता है। इसीलिए भगवान राम ने एक नेत्र को मां की पूजा में समर्पित करना चाहा। तभी मां दुर्गा प्रकट हुईं और कहा कि वह पूजा से प्रसन्न हुईं और भगवान राम को विजयश्री का आशीर्वाद दिया।
इधर भगवान राम को आशिर्वाद मिला तो वहीं दूसरी ओर रावण की पूजा के समय हनुमान ने ब्राह्मण बालक का रूप धरण करके पूजा कर रावण की पूजा में बाधा डाली। इससे मां दुर्गा रावण से नाराज हो गईं और रावण को श्राप दे दिया। ऐसा कहा जाता है कि श्राप के बाद का रावण का सर्वनाश हो गया। इसे सत्य और धर्म की जीत के रूप में मनाया जाता है। तभी से नवरात्रे मनाए जाते हैं।

