RATAN TATA: देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में शामिल रतन टाटा अब हमारे बीच में नहीं हैं। रतन टाटा ने देश के लिए कई ऐसे काम किए हैं, जिसके कारण देशवासी उनका नाम सम्मान के साथ लेते हैं। रतन टाटा अरबपति कारोबारी होने के साथ-साथ बेहद दरियादिली इंसान भी हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग उनको काफी पसंद करते हैं।

संघर्ष से शिखर पर पहुंचे रतन टाटा

रतन टाटा का पूरा नाम रतन नवल टाटा है। वह 86 साल के थे। उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। वह टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते हैं। रतन टाटा अपनी मेहनत और लगन से कई ऐसे कठिन काम किए हैं, जिसको करना हर किसी के बस की बात नहीं है। उन्होंने अपने संघर्ष के कारण सफलता के शिखर पर पहुंचे। अक्सर वह कहा करते हैं कि मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता हूं। मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं।

रतन टाटा के आदर्श विचार

रतन टाटा के आदर्श, विचार और सिद्धांतों से युवा पीढ़ियों को जीवन में आगे की राह मिलती है। ऐसे में इस लेख में हम रतन टाटा के 10 प्रमुख सिद्धांतों के बारे में बताएंगे, जिसको फॉलो कर आप भी किसी भी फील्ड में सफलता की शिखर पर पहुंच सकते हैं।

रतन टाटा की टॉप 10 प्रेरणादायक बातें:

  1. जीवन में आगे बढ़ने के लिए उतार-चढ़ाव बहुत महत्वपूर्ण हैं
    क्योंकि ईसीजी में एक सीधी रेखा का मतलब है कि हम जीवित नहीं हैं।
  2. सत्ता और धन, मेरे सिद्धांत नहीं हैं।
  3. अगर आप तेज चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए
    लेकिन दूर तक चना है तो साथ-साथ चलें।
  4. लोहे को कोई नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसका अपना जंग उसे नष्ट कर सकता है!
    इसी तरह, कोई भी किसी व्यक्ति को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी मानसिकता उसे नष्ट कर सकती है।
  5. लोग तुम पर जो पत्थर फेंकते हैं उन्हें उठाओ और उनका उपयोग एक स्मारक बनाने में करो।
  6. मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता। मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं।
  7. जिस दिन मैं उड़ने में सक्षम नहीं होऊंगा वह दिन मेरे लिए दुखद दिन होगा।
  8. अंत में, हमें केवल उन अवसरों का पछतावा होता है जिन्हें हमने नहीं भुनाया। हर छोटा अवसर आपको बड़ा बना सकता है।
  9. सबसे बड़ी विफलता प्रयास न करना है।
  10. मैं चीजों को भाग्य पर छोड़ने में विश्वास नहीं करता। मैं कड़ी मेहनत और तैयारी में विश्वास करता हूं।