रक्षाबंधन, भाई-बहन के अनमोल रिश्ते का दिन है। भारत में इस त्यौहार को काफी धूमधाम से मनाया जाता है। श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाए जाने वाले रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी सलामती की कामनी करती हैं। वहीं, भाई अपनी बहन को तोहफा आदि देकर उसकी रक्षा का वचन देता है।

हिंदू धर्म में रक्षाबंधन के त्योहार को भाई-बहन के अटूट प्रेम और रिश्ते का प्रतीक माना जाता है। हर साल रक्षाबंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा। भाई और बहन के इस प्यार और विश्वास के रिश्ते का इतिहास और महत्व क्या है, जानते हैं।

रक्षाबंधन की शुरुआत कैसे हुई?

रक्षा बंधन की शुरुआत को लेकर कई मान्यताएं और कई कहानियां हैं। पौराणिक कहानियों के अनुसार देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध के दौरान देवराज इंद्र के प्राणों की रक्षा करना मुश्किल हो गया। इससे परेशान इंद्र की पत्नी शचि ने तप करना शुरू कर दिया। तप के प्रभाव से उन्हें एक रक्षासूत्र प्राप्त हुआ। शचि ने इस रक्षासूत्र को पति इंद्र की कलाई पर बांध दी। इसके बाद इंद्र की शक्ति में वृद्धि हो गई और देवता, राक्षसों पर विजय पाने में सफल हुए।

बताया जाता है कि जिस दिन शचि ने इंद्र को यह रक्षासूत्र बांधा था उस दिन सावन महीने की पूर्णिमा थी। यही वजह है कि इस दिन को रक्षा के बंधन से जुड़े त्योहार रक्षा बंधन के रूप में पहचान मिली।

एक अन्य कहानी रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं से जुड़ी हैं। उस दौर में राजपूत व मुस्लिमों के बीच संघर्ष चल रहा था। रानी कर्णावती चितौड़ के राजा की विधवा थीं। उस दौरान गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से अपनी और अपनी प्रजा की सुरक्षा का कोई रास्ता न निकलता देख रानी ने हुमायूं को राखी भेजी थी।

रक्षा बंधन का इतिहास और महत्व

रक्षाबंधन हिंदू धर्म के उन त्योहारों में शुमार है, जो अपने आप में पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व को समेटे हुए हैं। इसका इतिहास भी बहुत पुराना और समृद्ध है। हजारों साल पहले शुरू हुई परंपरा और रक्षाबंधन का त्योहार आज भी उसी हर्ष-खुशी से जारी है।

कृष्ण और द्रौपदी से संबंधित कहानी

महाभारत युद्ध के समय द्रौपदी ने कृष्ण की रक्षा के लिए उनके हाथ मे राखी बांधी थी। इसी युद्ध के समय कुंती ने भी अपने पौत्र अभिमन्यु की कलाई पर सुरक्षा के लिए राखी बांधी थी।

रक्षाबंधन के दिन भाई का संकल्प:

रक्षाबंधन का पर्व रक्षा के संकल्प का पर्व है, जिसमें भाई बहन से राखी बंधवाते समय उसकी रक्षा करने का संकल्प लेता है। बहन भी इस दिन संकल्प लेती है कि वो भाई के लिए कठिन समय में उसकी रक्षा के लिए तैयार रहेगी।

रक्षा बंधन की शुरुआत भाईचारे के त्योहार के रूप में किसने की थी?

नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने बंगाल विभाजन के दौरान एक सामूहिक रक्षा बंधन उत्सव शुरू किया, जिसमें उन्होंने हिंदू और मुस्लिम महिलाओं को दूसरे समुदाय के पुरुषों पर राखी बांधने और उन्हें अपना भाई बनाने के लिए प्रोत्साहित किया था। रक्षाबंधन का त्योहार भारत में तो लोकप्रिय है ही और धूमधाम से मनाया जाता है, दुनिया के और भी कई हिस्सो में इस त्यौहार को मनाते हैं।