Rajiv Gandhi Birthday Wishes in Hindi : भारत के नौवें प्रधानमंत्री राजीव गांधी का आज ही के दिन यानि जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। इनके पिता का नाम फिरोज गांधी है और माता का नाम इंदिरा गांधी था। राजीव गांधी के भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का पौत्र (पोता) होने का गौरव प्राप्त है। राजीव गांधी पेशे से पायलट थे। दरअसल इन्हें राजनीति में कोई रुचि नहीं थी, लेकिन भाई फिरोज गांधी की मौत के बाद 1982 में सक्रिय राजनीति में उतार दिए गए। प्रधानमंत्री कार्यकाल की अल्प अवधि में ही इन्होंने बड़े-बड़े काम किए। राजीव गांधी के विचार आज भी लोगों की प्रेरणास्रोत हैं। आगे हम उन्हीं विचारों को जानेंगे जो हर व्यक्ति के जीवन में पाथेय का काम करेगा।
भारत एक प्राचीन देश, लेकिन एक युवा राष्ट्र है…मैं जवान हूं और मेरा भी एक सपना है। मेरा सपना है भारत को मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर और दुनिया के सभी देशों में से प्रथम रैंक में लाना और मानव जाति की सेवा करना।

कारखानों, बांधों और सड़कों को विकास नहीं कहते। विकास तो लोगों के बारे में है। इसका लक्ष्य लोगों के लिए सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पूर्ति करना है। विकास में मानवीय मूल्यों को प्रथम वरीयता दी जाती है।
महिलाएं एक देश की सामाजिक चेतना होती हैं। वे हमारे समाज को एक साथ जोड़ कर रखती है।

हर व्यक्ति को इतिहास से सबक लेना चाहिए। हमें यह समझना चाहिए कि जहां कहीं भी आंतरिक झगड़े और देश में आपसी संघर्ष हुआ है, वह देश कमजोर हो गया है। इस कारण, बाहर से खतरा बढ़ता है। देश को ऐसी कमजोरी के कारण देश बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।
शिक्षा को हमारे समाज में बराबरी का स्थान दिया जाता है। यह एक ऐसा उपकरण है जो हमारे पिछले हजारों सालों के सामाजिक व्यवस्था को एक बराबर के स्तर पर ला सकता है
यदि किसान कमजोर हो जाते हैं तो देश आत्मनिर्भरता खो देता है, लेकिन अगर वे मजबूत हैं तो देश की स्वतंत्रता भी मजबूत हो जाती है। अगर हम कृषि की प्रगति को बरकरार नहीं रख पाए तो देश से हम गरीबी नहीं मिटा पाएंगे। लेकिन हमारा सबसे बड़ा कार्यक्रम गरीबी उन्मूलन हमारे किसानों के जीवन स्तर में सुधार लायेगा। गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम का मकसद किसानों का उत्थान करना है।

हमारा आज का काम भारत को इक्कीसवीं सदी में गरीबी के बोझ से मुक्ति, हमारे औपनिवेशिक अतीत की विरासत और हमारे लोगों की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम होगा।
वह केवल मेरे लिए ही मां नहीं थी बल्कि पूरे देश के लिए मां थी। अपने खून की आखिरी बूंद तक उन्होंने भारतीय लोगों की सेवा की। जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है, तो जमीन हिलती है।
हमारा आज का काम भारत को इक्कीसवीं सदी में गरीबी के बोझ से मुक्ति, हमारे औपनिवेशिक अतीत की विरासत और हमारे लोगों की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम होगा।
जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है, तो जमीन हिलती है।