उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए छोटी-बड़ी पार्टियां सियासी गणित सेट करने में जुट गई हैं। इनमें, राजा भैया का जनसत्ता दल भी शामिल है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया वोटरों को साधने के लिए संकल्प यात्रा पर निकले हैं। उन्होंने कहा है कि इस बार उनकी पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए 100 से ज्यादा सीटें चिन्हित की हैं। अगर कोई दल उनके साथ गठबंधन करना चाहता है तो वे इसके लिए भी तैयार हैं। बता दें, राजा भैया खुद भी कुंडा से सात बार चुनाव जीत चुके हैं।
राजा भैया की जिंदगी में तमाम उतार चढ़ाव आए। एक इंटरव्यू में अपनी जिंदगी से जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में उन्होंने विस्तार से बात की थी। इसी दौरान उन्होंने अपने गुरु के बारे में भी बताया था। राजा भैया से सवाल किया गया था, ‘कोई ऐसी घटना जिसने आपके जीवन पर बहुत प्रभाव डाला हो?’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘कोई घटना तो नहीं है, लेकिन इकलौती संतान होने के बावजूद पिता-माताजी ने बहुत अनुशासन में रखा। यहां हम उनका उल्लेख करना चाहेंगे जिनका आशीर्वाद सदैव हमारे सिर पर रहता है।’
राजा भैया आगे कहते हैं, ‘हमारे ऊपर हमेशा गुरुजी पूज्य देवरहा बाबा का आशीर्वाद रहता है। हम आज जो भी बन पाएं हैं, वो सिर्फ उनके आशीर्वाद के कारण ही बन पाए हैं। उनकी कृपा से ही हमने जीवन में सबकुछ हासिल किया है। यही वजह है कि हम कुछ भी नए कार्य को शुरू करने से पहले उनका आशीर्वाद जरूर लेते हैं।’
इंदिरा गांधी भी देवरहा बाबा को मानती थीं: राजा भैया के अलावा देश की कई अन्य शख्सियतें भी देवरहा बाबा के आगे सिर झुकाती रही हैं। इनमें पूर्व पीएम इंदिरा से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक शामिल हैं। साल 1977 में जब इंदिरा गांधी चुनाव हार गई थीं, तब वे देवरहा बाबा से आशीर्वाद लेने गई थीं। बाबा ने उन्हें हाथ उठाकर पंजे से आशीर्वाद दिया था।
यही वजह थी कि जब इंदिरा ने चुनाव लड़ा तो उन्होंने कांग्रेस का निशान पंजा ही तय किया था। साल 1980 में हुए चुनावों में इंदिरा गांधी को शानदार जीत मिली और एक बार फिर उनकी सत्ता में वापसी हुई थी। इसके अलावा कई अन्य मौकों पर भी इंदिरा गांधी को देवरहा बाबा के साथ देखा गया था।
अटल बिहारी वाजपेयी भी खूब मानते थे: साल 1984 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की करारी हार हुई थी। उस समय बीजेपी के सबसे बड़े नेता अटल बिहारी वाजपेयी ही थे। स्वर्गीय मंत्री दुर्गा प्रसाद मिश्र के बेटे दीपक मिश्रा ने अटल जी से जुड़ा किस्सा एक इंटरव्यू में साझा किया था।
दीपक ने बताया था, ‘साल 1986 में अटल जी खोया हुआ जनसमर्थन हासिल करने के उद्देश्य से पूर्वांचल के दौरे पर निकले थे। वह इससे पहले भी देवरिया आते रहते थे और अक्सर देवरहा बाबा का आशीर्वाद लेते थे। उन दिनों भी वह यहां आए और देवरहा बाबा का आशीर्वाद लिया। इसके बाद पार्टी की स्थिति मजबूत हुई और आगे चलकर अटल जी देश के प्रधानमंत्री तक बने।’
कौन थे देवरहा बाबा: देवरहा बाबा का जन्म देवरिया में हुआ था। उन्होंने 19 जून 1990 को शरीर छोड़ दिया था। उनके अनुयायी मानते हैं कि वह करीब 500 साल तक जिंदा थे और उनमें कई चमत्कारी शक्तियां भी थीं। कहा जाता है कि देवरहा बाबा ने कभी किसी गाड़ी से सफर नहीं किया था और उनके मचान पर कोई प्रसाद नहीं होने के बाद भी वह लोगों को अपने हाथ से प्रसाद दे दिया करते थे। मनुष्य के अलावा वह जानवरों और पक्षियों की भाषा को भी समझते थे।