Radha rani ke priya bhog: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बाद भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है राधा अष्टमी का। यह जन्माष्टमी के 15 दिन बाद पड़ती है। इस दिन राधारानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी पड़ती है। इस दिन भक्त उनकी आराधना करते हैं। मंदिरों में भजन-कीर्तन समेत विशेष कार्यक्रम होते हैं। व्रत रखकर राधारानी को मनाने का प्रयास करते हैं। इस दिन विधिवत भक्त उनकी पूजा करते हैं।

ऐसे में अगर आप राधारानी के लिए भोग की थाली बनाने को लेकर कंफ्यूज हैं तो आपको एक चीज जरूर बनानी चाहिए। यह भोग राधारानी का प्रिय बताया जाता है। इसके बिना भोग की थाली अधूरी मानी जाती है। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व होता है। 2025 में राधा अष्टमी 31 अगस्त यानी रविवार को है। यूं तो राधारानी को पीली मिठाई, रबड़ी, दही अरबी की सब्जी, पंचामृत आदि का भोग लगाया जाता है। लेकिन मालपुआ का विशेष महत्व होता है। आइए जानें इसे तैयार करने का तरीका।

भोग के लिए मालपुआ बनाने का तरीका

मावा (खोया) – 1 कप
मैदा – ½ कप
सूजी – 2 बड़े चम्मच
दूध – 1 कप (गाढ़ा)
सौंफ – 1 छोटा चम्मच
इलायची पाउडर – ½ छोटा चम्मच
चीनी – 1 कप
पानी – ½ कप
घी – तलने के लिए
ड्राई फ्रूट्स

मालपुआ बनाने की विधि

सबसे पहले बनाएं चाशनी

मालपुआ बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में चीनी और पानी डालकर धीमी आंच पर गर्म करें। थोड़ी देर बाद जब चीनी घुलने लगेगी। इसे बीच-बीच में चलाते रहें। जब आपी एक तार की चाशनी बन जाए तो गैस ऑफ कर दें।

मावा-मैदा से तैयार करें बैटर

बैटर तैयार करने के लिए सबसे पहले एक बड़े कटोरे में मावा और मैदा मिलाएं। फिर इसमें थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर गाढ़ा और चिकना बैटर (घोल) तैयार करें। इस बात का खास ख्याल रखें कि घोल में गुठलियां न रह जाएं। स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें इलायची पाउडर और सौंफ डालें।

इस तरह बनाएं पुआ

अब एक कड़ाही में घी गर्म करें। इसके बाद एक बड़े चम्मचे में बैटर लेकर उसे गोल आकार में कड़ाही में डालें। इसे सुनहरा होने तक दोनों तरफ से तलें। ताकि ये कुरकुरा हो जाए। तले हुए मालपुआ को चाशनी में 1-2 मिनट के लिए डुबोएं। मालपुआ तैयार हैं।

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