आज भारत के बच्चे हर क्षेत्र में अपने देश का नाम रौशन कर रहे हैं और दुनिया के सामने उदाहरण रख रहे हैं कि कला, विज्ञान, अध्यात्म किसी भी क्षेत्र में भारत किसी से भी कम नहीं है। भारत देश के बच्चों के लिए इसी तरह का सपना चाचा नेहरु ने देखा था। स्कूलों में इस दिन को खास बनाने के लिए कार्यक्रम रखे जाते हैं। फैंसी ड्रेस, डांस, नाटक आदि जैसे कार्यक्रम रखे जाते हैं। इस दिन नेहरु जी की सीख बच्चों को समझाने का प्रयास किया जाता है। इस तरह से बच्चों के जीवन में चाचा नेहरु के महत्व को बनाए रखने की कोशिश की जाती है। कई देशों में बाल दिवस 1 जून को मनाया जाता है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाल दिवस या चिल्ड्रन डे 20 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन चाचा नेहरु के इन संदेशों को बच्चों को बताकर उन्हें भविष्य की चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा दी जा सकती है।

जाहिर है, दक्षता का सबसे अच्छा प्रकार वह है, जो मौजूदा सामाग्री का अधिकतम लाभ उठा सके।।

बिना शांति के सभी सपने खो जाते हैं और राख में मिल जाते हैं।।

हम एक अद्भुत दुनिया में रहते हैं जो सौंदर्य, आकर्षण और रोमांच से भरी हुई है।

यदि हम खुली आंखों से खोजे तो यहां रोमांच का कोई अंत नहीं है।।

संकट और गतिरोध जब होते हैं तो वो हमें कम से कम एक फायदा देते हैं, वो हमें सोचने पर मजबूर करते हैं।।

असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श उद्देश्य और सिद्धांत भूल जाते हैं।।

जो व्यक्ति भाग जाता है वो शांत बैठे व्यक्ति की तुलना में अधिक खतरे में पड़ जाता है।।

जो पुस्तकें हमें सोचने के लिए विवश करती हैं, वो ही हमारी सबसे ज्यादा सहायक होती हैं।।

आप तस्वीर के चेहरे दीवार की तरफ मोड़ के इतिहास का रुख नहीं बदल सकते हैं।

दूसरों के अनुभवों से लाभ उठाने वाला बुद्धिमान होता है।

बहुत अधिक सतर्क रहने की नीति सभी खतरों में सबसे बड़ी है।

चुनाव जनता को राजनीतिक शिक्षा देने का विश्वविद्यालय है।

अज्ञानता हमेशा बदलाव से डरती है।

जीवन ताश के पत्तों के खेल की तरह है। आपके हाथ में जो है वो नियति है, जिस तरह से आप खेलते हैं, वो आपकी स्वतंत्र इच्छा है।

हमारे अंदर सबसे बड़ी कमी ये है कि हम चीजों के बारे में बात ज्यादा करते हैं और काम कम करते हैं।

समय सालों के बीतने से नहीं मापा जाता है बल्कि किसी ने क्या किया, क्या महसूस किया, और क्या हासिल किया इससे मापा जाता है।

बिना शांति के, और सभी सपने खो जाते हैं और राख में मिल जाते हैं।