Eid Milad Un Nabi 2025 Qawwali Lyrics: मुस्लिम समुदाय के प्रमुख त्योहारों में से एक ईद मिलाद उन नबी आने वाला है। ऐसे में मस्जिदों से लेकर घरों में इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। यह बेहद खास दिन माना जाता है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, तीसरा माह रबी उल अव्वल होता है। इस महीने में पैगम्बर मोहम्मद का जन्म हुआ था। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग उनके जन्म को जश्न स्वरूप मनाते हैं। इस दिन जगह-जगह कई तरह धार्मिक कार्यक्रम भी होते हैं। ऐसे में महफिल को गुलजार करने के लिए आप भी कुछ कव्वालियों के लिरिक्स याद या फिर यहां से नोट कर सकते हैं।

मेरे सरकार आए (mere sarkar aaye qawwali lyrics )

जमीं बोली के सरदार ए पयंबर आने वाला है
फलक बोला के हक का ख़ास दिलबर आने वाला है
मलक बोले के रहमत का समंदर आने वाला है
फिर कहा हूरों ने जग में बंदा परवर आने वाला है
सितारे आचुके अब माह ए अनवर आने वाला है
अभी जिबरील उतरे भी न थे काबे के मिंबर से
के इतने में सदा आई ये अब्दुल्लाह के घर से
बारह रबी उल अव्वल के दिन
अब्र ए बहारां छाए
मेरे सरकार आए
आमना तेरे घर आकर
जिबरील पयाम ये लाए
मेरे सरकार आए
दूर हुआ दुनिया से…

जश्न-ए-आमद-ए-रसूल अल्लाह ही अल्लाह (Jashne Aamade Rasool Allah hi Allah Lyrics)

खाके तैबा तेरी धूल अल्लाह ही अल्लाह
पाके तैबा तेरी धूल अल्लाह ही अल्लाह
जश्न आ’मद रसूल अल्लाह ही अल्लाह
जश्न आ’मद रसूल अल्लाह ही अल्लाह
बीबी आमना के फूल अल्लाह ही अल्लाह
बीबी आमना के फूल अल्लाह ही अल्लाह
मरहबा या मुस्तफा मरहबा या मुस्तफ़ा
मरहबा या मुस्तफा मरहबा या मुस्तफ़ा
जब सरकार तशरीफ लाने लगे
हूर-ओ-गिलमां भी खुशियां मनाने लगे
हर तरफ नूर की रौशनी छा गई
मुस्तफा क्या मिले, जिंदगी मिल गई
ऐ हलीमा तेरी गोद में आ गए
दोनों आ’लम के रसूल अल्लाह ही अल्लाह
चेहरा-ए-मुस्तफा जबकि दिखाया गया
छुप गए तारे और चांद शर्मा गया
आमना देख कर मुस्कुराने लगीं
हव्वा मरियम भी खुशियां मनाने लगीं
आमना बीबी सब से ये कहने लगीं
दुआ’ हो गई कबूल अल्लाह ही अल्लाह
शादिये खुशी के बजाए गए
शाद के नग़्मे सब को सुनाए गए

ईद-ए-मीलादुन्नबी है (Eid Milad un Nabi Hai Dil Bada Masroor Hai Lyrics Naat in Hindi)

ईद-ए-मीलादुन्नबी है दिल बड़ा मसरूर है
ईद दीवानों की तो 12 रबीउन्नूर है।
इस तरफ जो नूर है, तो उस तरफ भी नूर है
जर्रा-जर्रा सब जहां का नूर से मामूर है।

जश्न-ए-मीलादुन्नबी है, क्यों न झूमें आज हम
मुस्कुराती हैं बहारें, सब फिजा पुरनूर है।

हर मलक है शादमां, खुश आज हर एक हूर है
हां मगर शैतान बहम, रुफका बड़ा रंजूर है।

आमद-ए-सरकार से, दिल मस्त होई काफ़ूर है
क्या जमीन, क्या आसमां, हर सम्त छाया नूर है।

गम के बादल छट गए, हर गम का मारा झूम उठा
आ गया खुशियां लिए, माहे रबीउन्नूर है।

आमिना तुझ को मुबारक शाह की मीलाद हो
तेरा आंगन नूर बनके, घर का घर सब नूर है।

बख़्श दे मुझको इलाही, बह्रे मीलादुन्नबी
नामा-ए-आमाल इसया से मेरा भरपूर है।

गुंबद-ए-खजरा का उसको भी दीदार हो
या इलाही जो मदीने से अभी तक दूर है।

हूं गुलाम-ए-मुस्तफा, अत्तार का दावा है ये
काश आका भी ये फरमाएं, हमें मंजूर है।

ईद-ए-मीलादुन्नबी है, दिल बड़ा मसरूर है
ईद दीवानों की तो 12 रबीउन्नूर है।

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