प्रेग्नेंसी महिलाओं के जीवन की एक जटिल प्रक्रिया है। इस अवस्था में कई तरह की तकलीफों से उन्हें दो चार होना पड़ता है। इन तकलीफों में से एक तकलीफ है सुबह के समय कमजोरी महसूस करना यानी कि मॉर्निंग सिकनेस। गर्भावस्था की इस समस्या से लगभग 65 प्रतिशत महिलाएं प्रभावित होती हैं। ऐसे में उन्हें सुबह के वक्त मतली या फिर उल्टी की शिकायत होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान इस तरह के लक्षण बच्चे के विकास के संबंध में अच्छे संकेत माने जाते हैं। प्रेग्नेंसी के पहले 12- 14 सप्ताह तक हार्मोनल बदलावों के चलते इस तरह के विकार दिखाई पड़ते हैं लेकिन उसके बाद महिला का स्वास्थ्य सामान्य हो जाता है।
गर्भावस्था में सुबह महसूस होने वाली कमजोरी से आपको बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है। आज हम आपको कुछ ऐसे आसान से प्राकृतिक उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप इस समस्या से निजात पा सकती हैं।
सुबह सोकर उठने के बाद आप एक कप अदरक की चाय जरूर लें। यह आपको पेट को साफ रखता है। जब भी आपको थोड़ी सी भी बेचैनी महसूस हो आप तुरंत अदरक की चाय का सेवन करें। अगर आपको अदरक की चाय पसंद नहीं तो सवेरे-सवेरे मतली से राहत पाने के लिए आप और भी कई तरह के हर्बल चाय का प्रयोग कर सकती हैं। आप कैमोमिल, नींबू या फिर पिपरमिंट के चाय का सेवन कर मिचली से राहत पा सकती हैं। इसके अलावा रैस्पबेरी की पत्तियों की चाय भी सुबह की कमजोरी के लक्षणों के लिए बेहतर उपाय है। इससे गर्भाशय की मांसपेशियों की सेहत पर भी सही रहती है।
आप हर समय अपने साथ सौंफ के बीज जरूर रखा करें और जब भी मितली की शिकायत हो, इसे चबा लें। साथ-साथ हर घंटे पर एक गिलास पानी पीने की आदत डालें तो इस समस्या से काफी राहत मिल जाएगी। कम खाना पाचन के लिए थोड़ा आसान होता है इसलिए ज्यादा खाना खाने से बचें। तली-भुनी चीजों से परहेज करें और फलों का अधिकाधिक मात्रा में सेवन करें। यह शरीर में शुगर की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं।
