Phulkari dupatta: फुलकारी दुपट्टा भारत के पंजाब से शुरू हुई और यहां की पारंपरिक कढ़ाई तकनीक है। इन दिनों दुल्हनों के लहंगे और फिर दुपट्टे में इसका खूब चलन बढ़ गया है। इसकी कलाकारी इतनी सुंदर होती है कि शादियों में इन्हें फैशन और एथिनिक लुक के साथ कैरी किया जा रहा है। आप भी इसे पसंद कर सकती हैं और अपनी शादी में पहन सकती हैं। इतना ही नहीं आप इसे अपनी शादी के बाद भी कैरी कर सकती हैं। तो बस जान लें फुलकारी दुपट्टा क्या होता है और इस खास कलाकारी के बारे में सबकुछ।
फुलकारी क्या है-What is Phulkari
फुलकारी जिसका अर्थ है “फूलों का काम” कढ़ाई की एक शैली है जिसमें कपड़े पर जटिल फूल रूपांकनों और पैटर्न शामिल होते हैं, विशेष रूप से दुपट्टे, साड़ी और अन्य कपड़ों पर। फुलकारी की उत्पत्ति 15वीं शताब्दी में मुगल काल के दौरान पंजाब में हुई थी। शुरुआत में इसे ग्रामीण महिलाएं शौक के तौर पर करती थीं और बाद में यह एक पेशेवर शिल्प बन गया।
फुलकारी दुपट्टे की खासियत क्या है-What is special about Phulkari
-फुलकारी दुपट्टे की खास बात है इसका जटिल फूलों वाला पैटर्न।
-जीवंत रंग पारंपरिक रूप से लाल, हरा, पीला और नारंगी।
-सुंदर आकृतियां
-रेशम या सूती धागों का प्रयोग
-आपको फुलकारी दुपट्टे कॉटन, रेशम, जॉर्जेट और शिफॉन सब में मिल जाएंगे।
फुलकारी के प्रकार-Types of Phulkari
- पारंपरिक फुलकारी क्लासिक डिजाइन है जिसमें हल्के फुलकारी की कढ़ाई होती है।
- बाग फुलकारी अधिक जटिल और सघन डिजाइन है।
- चोपे फुलकारी विशेष अवसरों पर दुल्हनों द्वारा पहनी जाती है। ये सबसे सुंदर होती है।
फुलकारी दुपट्टे कब पहने जाते हैं-Occasions
फुलकारी दुपट्टों को मुख्य रूप से जीवन के विशेष अवसरों जैसे जन्मदिन और एनिवर्सरी पर भी पहने जाते हैं। शादियों में आप इन्हें कैरी कर सकती हैं। त्यौहारों पर जैसे दिवाली और नवरात्रि पर आप इसे पहन सकती हैं। और लोहड़ी और बैसाखी पर तो इसे जरूर पहनी जाती है। तो इस बार आप भी अपनी शादी के लिए इस दुपट्टे का चुनाव करें।