कोरोना के चलते 2 साल के लंबे इंतजार के बाद इस साल ओणम का त्यौहार खूब धूम-धाम से मनाया जाएगा। इस साल यह त्योहार 30 अगस्त से शुरू हो रहा है और 8 सितंबर तक चलेगा। ओणम, दक्षिण भारत का प्रमुख पर्व है। राजा महाबली की याद में इसें मनाया जाता है। खासकर केरल में तो यह त्योहार इतना मशहूर है कि वहां की सरकार इसे पर्यटन पर्व के रूप में भी मनाती है।

ओणम का महत्व (Importance of Onam)

ओणम केरल का राष्ट्रीय पर्व है। हर साल वहां इसे बेहद हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दूसरे राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग इस पर्व का आनंद लेने के लिए आते हैं। यह भव्य त्योहार राजा महाबली के स्वागत के साथ खेतों में फसल की अच्छी उपज के लिए भी मनाया जाता है। पर्व की शुरुआत के साथ घर रंग -बिरंगें फूलों से सज जाते हैं और खास पूजा अर्चना भी की जाती है। कहा जाता है कि इस पर्व के दौरान पूजा करने से शुभता प्राप्त होती है और घर में खुशियां आती हैं। इसके अलावा 10 दिनों तक लोग अपने घर के बाहर फूलों से खूबसूरत रंगोली भी बनाते हैं और घरों में दीपक भी जलाते हैं।

10 दिनों तक चलता है उत्सव

ओणम का उत्सव 10 दिनों तक चलता है। घरों में साज-सज्जा, पूजा-पाठ के अलावा कई तरह के पकवान बनते हैं, जिनमें अधिकतर पकवान में चावल का प्रयोग किया जाता है। खाने को केले के पत्तों पर परोसा जाता है। ओणम के दौरान बनने वाला ‘पायसम’ बेहद मशहूर है। दोपहर के समय ओणम संध्या होती है जिसमें अलग-अलग प्रकार के 26 शाकाहारी व्यंजन परोसे जाते हैं। नौकायन जैसे खेलों का भी आयोजन होता है। नौका रेस में शामिल होने और इसे देखने के लिए देश के तमाम हिस्सों के अलावा विदेशों से भी लोग आते हैं। ओणम के दौरान आयोजित होने वाली सर्प नौका रेस खूब मशहूर है।

ओणम के मौके पर पारंपरिक नृत्य के साथ केरल में फेमस डांस ‘पुलि कलि’ भी करते हैं। इस डांस को टाइगर डांस भी कहा जाता है। इसमें लोग तरह-तरह की पोशाक पहनकर डांस करते हैं।

ओणम शुभ मुहूर्त

ओणम महोत्सव का प्रारंभ- 30 अगस्त ,मंगलवार
थिरुवोणम् नक्षत्र प्रारंभ – 07 सिंतबर से शाम 4 बजे से
थिरुवोणम नक्षत्र समाप्त- 8 सिंतबर को दोपहर के 1 बजकर 46 मिनट तक रहेगा
ओणम – 8 सिंतबर