प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में दो पूर्व आईएएस अधिकारियों को भी जगह मिली है इसमें अश्विनी वैष्णव और रामचंद्र प्रसाद शामिल हैं। दोनों की गिनती तेज-तर्रार अफसरों में होती रही है। अश्विनी वैष्णव ने आईएएस अधिकारी रहते हुए कई शानदार काम किए थे, जिसमें से एक ओडिशा के बालासोर में आए समुद्री तूफान के दौरान राहत पहुंचाना भी शामिल था। वो यहीं से चर्चा में आए थे। इसके बाद उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल में पीएमओ में डिप्टी सेक्रेटरी बनाया गया था।
अटल बिहारी वाजपेयी के ऑफिस में भी दे चुके हैं सेवाएं: अश्विनी वैष्णव मूल रूप से राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले हैं। साल 1994 बैच के आईएएस अधिकारी वैष्णव को सबसे पहले बालासोर का डीएम बनाया गया था। वह नवीन पटनायक के करीबी और पसंदीदा अधिकारियों में से एक थे। इसलिए जब वह सीएम बने तो उन्हें सबसे पहले ओडिशा के महत्वपूर्ण शहर कटक का कलेक्टर बनाया गया था। यहां उन्होंने कई बदलाव किए, जिसमें कानून-व्यवस्था दुरुस्त करना भी शामिल है।
इस बीच केंद्र में अटल बिहार वाजपेयी की सरकार बन गई और यहां से उनके जीवन में एक नया मोड़ आया। 2003 में उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी का डिप्टी सेक्रेटरी नियुक्त किया गया और वाजपेयी के हाथ से जब सत्ता गई तो वह उनके निजी सचिव बन गए। इस दौरान ही उनकी मुलाकात नरेंद्र मोदी से हुई थी। मोदी उनके काम से काफी प्रभावित भी हुए थे। वाजपेयी के राजनीति से दूर होने के बाद उन्हें गोवा पोर्ट के डिप्टी चेयरमैन की जिम्मेदारी दे दी गई। बाद में उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने निजी कंपनियों में डायरेक्टर समेत कई अहम पदों पर अपनी सेवा दी। साल 2019 में अश्विनी को बीजेपी ने राज्यसभा भेजा था।
पूर्व IAS राम चंद्र प्रसाद बने कैबिनेट मंत्री: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी आरसी प्रसाद को भी कैबिनेट में जगह दी गई है। आरसी राज्यसभा सांसद हैं और उनकी गिनती जेडीयू के ताकतवर नेताओं में होती है। आरसी, यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं और वह 1996 में केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के निजी सचिव थे। यहीं उनकी मुलाकात पहली बार नीतीश कुमार से हुई थी। आरसी प्रसाद बिहार के नालंदा से आते हैं और नीतीश कुमार भी मूल रूप से यहीं के रहने वाले हैं। इसलिए बहुत कम समय में ही वह नीतीश के विश्वसनीय लोगों की लिस्ट में शामिल हो गए।