रिलाइंस आज भले ही देश की सबसे बड़ी कंपनी हो, लेकिन इस कंपनी का सपना धीरूभाई अंबानी ने देखा था। धीरूभाई का जन्म गुजरात में हुआ था और उनका झुकाव हमेशा से बिजनेस की तरफ थे। लंबे समय बाद उन्होंने रिलाइंस इंडस्ट्रीज़ की नींव रखी और अब उनके बड़े बेटे मुकेश अंबानी इस कंपनी को संभालते हैं। हालांकि अनिल को भी रिलाइंस का कुछ हिस्सा मिला था, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए। मुकेश अक्सर अपने पिता से जुड़े किस्से साझा करते हैं।

मुकेश अंबानी ने एक ऐसा ही किस्सा लेखक ए.के गांधी को बताया था। जब उनके पिता धीरूभाई अंबानी आईस्क्रीन के लिए पानी में कूद गए थे। ए.के गांधी ने अपनी किताब ‘अ कंप्लीट बायोग्राफी ऑफ मुकेश अंबानी’ में इस बात का जिक्र किया है। मुकेश अंबानी ने एक बार बताया था, ‘एक बार मेरे पिता शिप पर पार्टी में मौजूद थे। शिप से किनारा करीब 1 किलोमीटर दूर था। यहां कुछ लोग शर्त लगा रहे थे। एक शर्त लगाई गई कि जो भी शिप से ठंडे पानी में कूदेगा और किनारे तक पहुंचेगा उसे आईस्क्रीम मिलेगी। ये एक जोक था और किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।’

तैरकर किनारे तक पहुंचे धीरूभाई: ए.के गांधी अपनी किताब में आगे मुकेश अंबानी की बात लिखते हैं, ‘मेरे पिता ने इसे सुन लिया और गंभीरता से लिया। उन्होंने पूछा- क्या ये एक डील है? हर किसी को लगा वह सिर्फ मजाक कर रहे हैं। लेकिन उनके मन में तो कुछ और ही था। उन्होंने अपनी शर्ट उतारी और पानी में कूद गए। वह तैरकर किनारे तक पहुंचे। वह कुछ इस प्रकार के व्यक्ति थे।’

यमन से पचास हजार रुपए लेकर लौटे थे धीरूभाई: ए.के गांधी आगे लिखते हैं, मुकेश अंबानी ने मुझे बताया कि उनके यमन कुछ पैसे कमाने के लिए गए थे। लेकिन जब वह यमन से वापस लौटे तो उनके पास 50 हजार रुपए थे। वह भारत में कुछ व्यवसाय करना चाहते थे। आज भले ही ये पैसे बहुत कम हों, लेकिन उस समय ये अच्छा अमाउंट होता था। उन्होंने कपड़े से संबंधित व्यवसाय किया और उन्हें ये अच्छे से पता था कि कौन सा बिजनेस करने पर उन्हें कामयाबी हासिल हो सकती है।