Muharram (Ashura) 2022: इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक मोहर्रम की दस तारीख को यौमे-ए-अशूरा कहा जाता है। 30 जुलाई से इस्लामिक नया साल शुरू हो चुका है जिसके पहले महीने का नाम मुहर्रम है। रमजान के बाद ये दूसरा महीना है जब लोग अल्लाह की इबादत करते हैं। मुहर्रम के महीने की दस तारीख यानि आशूरा के दिन की मुसलमानों के लिए बेहद अहमियत है। मातम के इस महीने में मुहर्रम के दसवे दिन शिया मुस्लिम काले कपड़े पहनकर सड़कों पर जुलूस निकालते हैं और गम मनाते हैं।
What is Ashura? यौमे-ए-अशुरा कर्बला में क्यों मनाया जाता?
अशूरा के दिन इमाम हुसैन और उनके साथी यजीद के जुल्मों का सामना करते हुए शहीद हो गए थे। अशूरा के दिन इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए ही मुहर्रम की दस तारीख को कर्बला में मातम मनाया जाता है। इराक की राजधानी बगदाद से 100 किलो मीटर दूर उत्तर-पूर्व में एक छोटा सा कस्बा है कर्बला, जहां इमाम हुसैन और उनके साथियों को शहीद कर दिया गया था।
इमाम हुसैन कर्बला में शहीद हुए थे उन्हीं की याद में दुनिया में हर शहर में कर्बला नाम की जगह मौजूद है। मुहर्रम की दसवी तारीख को कर्बला में ही ताजीयों को दफनाया जाता है। यजीद ने मुहर्रम की दसवी तारीख को इमाम हुसैन और उनके साथियों को बड़ी बेरहमी से शहीद कर दिया था। यजीद के जुल्मों को याद करते हुए ही इस दिन सारी दुनिया के मुसलमान शोक में डूबे रहते हैं।
Muharram 2022: When is Ashura in 2022? शिया और सुन्नी मुसलमान इस दिन को कैसे मनाते हैं:
सुन्नी मुसलमान आशूरा के दिन रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। इस दिन अल्लाह के प्यारे नबी मोहम्मद (सल्ल.) ने रोजा रखा था अल्लाह की इबादत की थी। मोहम्मद के रास्ते पर चलते हुए सुन्नी मुस्लिम अब तक इसका पालना करते आ रहे हैं।
शिया मुसलमान इस दिन इमाम हुसैन की याद में मुहर्रम की दस तारीख को काले कपड़े पहनकर सड़कों पर मातन करते हैं और जुलूस निकालते हैं।
Muharram 2022: Know all about the day of Ashura:
शिया मुसलमान अपने शरीर को खंजर से चोट पहुंचाते हैं और नबी के नवासे और उनके साथियों पर किए गए जुल्मों को महसूस करते हैं। मुहर्रम का महीना गम का महीना है जिसे सारी दुनिया के मुसलमान मनाते हैं। इस दिन काले कपड़े पहन कर मातम मनाते हैं।