Muharram 2019 best trending qawwali, quotes, sms, messages, status: मुहर्रम को इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना माना जाता है। इस्लाम धर्म में पवित्र महीनों में एक माना जाता है। बता दें कि मुहर्रम (Moharram) शब्द निषिद्ध शब्द ‘हराम’ से लिया गया है। मुहर्रम के 10वें दिन को आशुरा कहा जाता है। इसी दिन को अंग्रेजी कैलेंडर में मुहर्रम कहा गया है। बता दें कि मुहर्रम इस्लामी वर्ष यानी हिजरी सन का पहला महीना कहलाता है। कर्बला की लड़ाई में इमाम हुसैन की शहादत के बाद लोगों ने इसे नए साल के रूप में मनाना छोड़ दिया और बाद में यह गम व दुख के महीने के रूप में बदल गया। माना जाता है कि इस दौरान रखे गए हर रोजे का सवाब 30 रोजों के बराबर होता है।

इस मुहर्रम यूट्यूब पर आप देख सकते हैं बेहतरीन कव्वाली… यहां मिलेंगे वो कव्वाली जो यूट्यूब पर ट्रेंड कर रहे हैं-

इसके अलावा इस मुहर्रम के खास मौके पर आप जानिए इसे मनाएं जाने के पीछे का कारण और कुछ खास शायरी जिसे आप अपने दोस्तों को भेज सकते हैं-

1. कत्‍ल-ए-हुसैन असल में मार्ग-ए-यजीद है
इस्‍लाम ज़‍िंदा होता है हर करबला के बाद

2. जब भी कभी ज़मीर का सौदा हो
कायम रहो दोस्‍तों हुसैन के इंकार की तरह

3. न हिला पाया वो रब की मेहर को
भले जीत गया वो कायर जंग
पर जो मौला के दर पर शहीद हुआ
वही था असली और सच्‍चा पैगम्‍बर

4. न हिला पाया वो रब की मेहर को
भले जीत गया वो कायर जंग
पर जो मौला के दर पर शहीद हुआ
वही था असली और सच्‍चा पैगम्‍बर

5. जन्‍नत की आरज़ू में
कहां जा रहे हैं लोग
जन्‍नत तो करबला में
खरीदी हुसैन ने
दुनिया-ओ-आखरात में
जो रहना हो चैन से
जीना अली से सीखो
मरना हुसैन से

6. नज़र गम है नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है
बगैर उनके नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है
नबी कहते थे अकसर के अकसर ज़‍िक्र-ए-हैदर से
मेरे कुछ जान निसारों को बड़ी तकलीफ होती है