पिता और बेटी के बीच का रिश्ता बहुत ही अनमोल होता है। यह रिश्ता बेटियों को हर तरह की मुसीबत से बचाने में मदद करता है और एक नए शोध में इस बात को साबित किया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि लड़कियां पहले ग्रेड से पांचवे ग्रेड तक पहुंचने में अकेलेपन का कम अनुभव करती हैं। वहीं, अकेलापन उन लड़कियों में और भी कम है जो अपने पिता के अधिक करीब हैं।
द ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में मानव विज्ञान के असोसिएट प्रोफेसर और शोध के उप-लेखक ज़िन फेंग का कहना है कि ‘पिता और बेटी के बीच का रिश्ता बहुत महत्वपूर्ण है। हमने पाया है कि पिता और बेटी के बीच का यही रिश्ता बेटियों को अकेलेपन से बाहर आने में मदद करता है’।
यह शोध ऑनलाइन जर्नल ‘जर्नल ऑफ फैमिली साइकोलॉजी’ में प्रकाशित हुआ है और जल्द ही इसका प्रिंट संस्करण भी प्रकाशित होगा।
इस शोध में शोधकर्ताओं ने कुल 695 परिवारों पर अध्ययन किया। इन परिवारों ने ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन चाइल्ड हेल्थ एंड डेवलपमेंट’ के शोध ‘स्टडी ऑफ अर्ली चाइल्ड केयर एंड यूथ डेवलपमेंट’ में भाग लिया।
शोध के दौरान माता और पिता ने घनिष्ठता और विवादों के आधार पर 1, 3, 4, और 5वें ग्रेड में अपने बच्चों के साथ उनके रिश्तों को रेट किया।
शोध के मुख्य लेखक जूलिया यान ने कहा, शोध के परिणामों में पता चला है कि इस समय अवधि के दौरान बच्चों के साथ नजदीकी घटी और विवाद बढ़ें हैं जिसमें कोई हैरानी की बात नहीं है क्योंकि इस दौरान बच्चे अधिक स्वतंत्र बनने लगते हैं जिससे वो माता-पिता से दूर होने लगते हैं। हालांकि, इसके साथ ही वो लड़कियां जो पिता के साथ करीबी रिश्ता रखती है, उन्हें अकेलेपन से लड़ने में मदद मिली है।
यान का कहना है कि अगर बातचीत बनी रहे तो थोड़े बहुत विवाद रिश्ते को प्रभावित नहीं करते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि पिता को अपने बच्चों, खासतौर पर बेटियों के साथ रिश्ते को पोषित करना चाहिए। फेंग ने कहा कि माता-पिता बच्चों की भावनाओं पर ध्यान दें, विशेषतौर पर जब वो दुखी हैं और उन्हें इससे बाहर निकलने में मदद करें।