समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का शुरुआती जीवन बड़े संघर्ष में बीता।  मगर एक वक्त था कि नेताजी के खाने पीने का इंतजाम भी पार्टी वर्कर किया करते थे। एक बार तो राम मनोहर लोहिया (Ram Manohar Lohia) ने मुलायम की जेब में सौ का नोट डाल दिया था।

दरअसल, लोहिया, ‘नेताजी’ को बहुत मानते थे। खुद राम मनोहर लोहिया ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। ऐसे कई किस्से हैं, जो ये बताते हैं कि राममनोहर लोहिया, उन्हें कितना प्यार करते थे।

साल था 1963। फर्रूख़ाबाद सीट से लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव था। मुलायम सिंह अपने साथियों के साथ प्रचार में जुटे थे। ये वो दौर था, जब मुलायम के पास पैसों का अभाव था, समर्थकों के भरोसे उनका चुनाव प्रचार का खर्च चलता था। ये बात सभी वरिष्ठ नेता अच्छी तरह से समझते थे।

 

ऐसे ही माहौल के बीच एक बार विधुना विधानसभा में राम मनोहर लोहिया, मुलायम से रास्ते में टकरा गए। लोहिया ने मुलायम से पूछा कि प्रचार के दौरान क्या खाते हो, कहां रहते हो? मुलायम ने कहा कि लइया चना रखते हैं, लोग भी खिला देते हैं और जहां रात होती है उसी गांव में सो जाते हैं। तब लोहिया ने मुलायम के कुर्ते की जेब में सौ रूपये का नोट रख दिया था।

राम मनोहर लोहिया के बाद मुलायम, एक दूसरे बड़े समाजवादी नेता चौधरी चरण सिंह के भी करीबी बन गए थे। चौधरी चरण सिंह ने तो मुलायम को सुरक्षा दिलाने के लिए उन्हें विधानपरिषद में विपक्ष का नेता तक बना दिया था। ये वो दौर था, जब मुलायम पर जानलेवा हमला हुआ था।