Lal Bahadur Shastri Jayanti 2020 Quotes: देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री महात्मा गांधी की ही तरफ सादा जीवन जीने में भरोसा रखते थे। वे सिद्धांतों पर अडिग रहने वाले शख़्स थे। इसका एक उदाहरण तब देखने को मिला जब स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान एक बार शास्त्री जी को जेल जाना पड़ा, इसी दौरान उनकी पत्नी ललिता देवी उनसे मिलने पहुंचीं। वे जेल प्रशासन से छिपते-छिपाते शास्त्री जी के लिए दो आम लेकर गई थीं। इस पर शास्त्री जी क्रोधित हुए और कहने लगे कि कैदियों को आम जनता की तरह भोजन करना कानूनन गलत है। अपनी नैतिकता और साफ छवि के कारण केवल उनकी पार्टी के लोग ही नहीं बल्कि विपक्षी भी उनके कायल थे।

2 अक्टूबर 1904 को जन्में लाल बहादुर शास्त्री 16 साल की उम्र में ही सन् 1920 में गांधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़ गए थे। सादगी से भरपूर जीवन को ही अपना पर्याय मानने वाले शास्त्री जी ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में बखूबी देश का नेतृत्व किया। उनके नेतृत्व कौशल और बहादुर जवानों के हौसले के दम पर भारत ने जीत हासिल की थी। बता दें कि इस युद्ध से सालभर पहले यानी 1964 में ही लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने थे।

‘जय जवान जय किसान’ का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री के विचारों ने कई युवाओं को अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित किया है। उनकी जयंती पर पढ़े और साझा करें उनके कुछ बेहतरीन विचार –

1. यदि कोई एक व्यक्ति भी
ऐसा रह गया जिसे किसी
रूप में अछूत कहा जाए
तो भारत को अपना सिर
शर्म से झुकाना पड़ेगा।

2. हर कार्य की अपनी
एक गरिमा है और
हर कार्य को अपनी पूरी क्षमता से
करने में ही संतोष प्राप्त होता है।

3. देश की तरक्की के लिए
हमें आपस में लड़ने के बजाय
गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से
लड़ना होगा।

4. देश के प्रति निष्‍ठा
सभी निष्‍ठाओं से पहले आती है
और यह पूर्ण निष्‍ठा है क्‍योंकि
इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता
कि बदले में उसे क्‍या मिलता है।