आज यानि 16 जुलाई को इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। और आज ही गुरू पूर्णिमा का भी पर्व है। चंद्र ग्रहण का समय रात को 1:30 बजे से 4:30 बजे तक है। और सूतक चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले मतलब कि शाम को 4:30 से 7:30 तक लगेगा। सूतक के दौरान कोई भी कार्य करने जैसे कि भोजन ग्रहण करना, सिलाई का कार्य करना आदि की अनुमति नहीं होती। यहां तक कि पूजा-पाठ करना भी शुभ नहीं माना जाता है। इसी कारण से सूतक के समय सभी मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। इसी कारण से आज के दिन अनेकों प्रमुख मंदिरों के पूजा व आरती के समय पर प्रभाव पड़ेगा, जिसके कारण भक्तों को दर्शन करने में समस्या हो सकती है। आज के हमारे इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि किन मंदिरों में ग्रहण का प्रभाव पड़ेगा और उनमें आरती और पूजा का समय क्या होगा।
1. मथुरा के सुविख्यात मंदिर द्वारकाधीश में चंद्र ग्रहण के दौरान भी दर्शन किए जा सकेंगे। मंगला ग्वाल श्रृंगार के दर्शन सुबह के निर्धारित समय अनुसार ही किए जाएंगे। सुबह 10 से 10:30 बजे तक राज भोग के दर्शन किए जाएंगे।
दोपहर 2:30 से 2:40 तक उद्यापन के दर्शन होंगे, भोग और संध्या आरती दोपहर में 3:15 से 3:25 तक एक साथ की जाएंगी और इसके साथ ही शाम को 4 से 4:30 तक शयन के दर्शन होंगे।
2. उत्तराखंड में 16 जुलाई की शाम में 4:25 से केदारनाथ, बद्रीनाथ और समिति के दूसरे मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इनके अलावा यमुनोत्री, गंगोत्री धाम के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे। अगले दिन शुद्धिकरण के बाद ही इन मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाएगी।
3. सांदीपनि आश्रम में दिन के समय श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली में 16 जुलाई को गुरू पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इसके बाद दोपहर में 12:30 बजे शयन आरती की जाएगी। इसके बाद दर्शनार्थियों के प्रवेश बंद कर दिए जाएंगे। और अगले दिन 17 जुलाई को गुरूश्रेष्ठ सांदीपनि का पंचामृत से अभिषेक करने के बाद ही पूजा-अर्चना की जाएगी।
4. उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में ग्रहण के कारण 17 जुलाई को श्रावण मास की पहली भस्मारती सुबह शुद्धि के बाद 5 बजे यानि कि अपने समय से 2 घंटे देरी से की जाएगी। बता दें कि मंदिर के कपाट श्रावण में 3 बजे खोल दिए जाते हैं जिसके बाद भस्मारती की जाती है। लेकिन चंद्र ग्रहण 4:30 बजे तक है इसलिए उसके बाद मंदिर का शुद्धिकरण कराया जाएगा और उसके बाद 5 बजे मंदिर को खोला जाएगा।
5. खंजनपुर के दादाजी धुनीवाले की कुटी में 16 जुलाई को गुरू पूर्णिमा मनाई जाएगी। जिसके बाद शाम को 7 बजे महा आरती की जाएगी और प्रसाद बांटा जाएगा। दादाजी भक्त चंद्र ग्रहण में नहीं मानते हैं, इसी कारण से मंगलवार को भी इस कुटी के कपाट बंद नहीं किए जाएंगे। हर साल इस कुटी में गुरू पूर्णिमा पर लंगर की भी व्यवस्था की जाती है।
कोठी बाजार के सांई मंदिर में सुबह सांई बाबा का स्नान तथा हवन-पूजन कराया जाएगा। जिसके बाद 9 बजे उनकी पालकी यात्रा भी निकाली जाएगी। दोपहर 12 बजे महाआरती की जाएगी और प्रसाद बांटा जाएगा। इसके बाद शाम को 5 बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
