योग के महत्व का जिक्र हमारे वेदों से लेकर साहित्य तक में मिलता है। योग करने से ना केवल बड़ी से बड़ी बीमारियों को दूर भगाया जा सकता है बल्कि अपने जीवन में खुशहाली भी लाई जा सकती है। नियमित रूप से योगासनों का अभ्यास शरीर को स्वस्थ रखता है और मान शांत रहता है। वैसे तो ऐसे बहुत से योग हैं जिनके अभ्यास से फायदा होता है लेकिन आज हम आपको ऐसे योग के बारे में बता रहे हैं जिससे कमर दर्द से लेकर बढ़ते वजन की समस्या में राहत मिलती हैं। आज हम आपको कटिचक्रासन करने के लाभ और इस योगासन की विधि के बारे में बताएंगे।
कटिचक्रासन करने का तरीका: इस योगासन का अभ्यास करने के दौरान कमर को दाईं और बाईं ओर घुमाया जाता है इसलिए इस योगासन को कटि चक्रासन का नाम दिया गया है। इस आसन को करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के बीच डेढ़ से दो फुट की दूरी रखें। अब कंधों की सीध में दोनों हाथों को फैलाएं। इसके बाद बाएं हाथ को दाएं कंधे पर रखें और दाएं हाथ को पीछे से बाईं ओर लाएं। अब मुंह को घुमाकर बाएं कंधों की सीध में ले आएं। इस स्थिति में कुछ समय तक खड़े रहें। जब आप अच्छी तरह घूम जाते हैं तो इस स्थिति को बनाए रखें और फिर सांस लेते हुए आप बीच में आएं। यह आधा चक्र हुआ। अब यही प्रक्रिया दाईं तरफ करें। इस आसन के दौरान ध्यान रखें कि कमर को घुमाते हुए घुटने मुड़े नहीं और पैर भी एक जगह रखें। ध्यान रखें कि अगर कमर में दर्द हो तो इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
कटिचक्रासन के लाभ
– इस आसन के रोजाना नियमित अभ्यास से वजन को कम करने में सहायता मिलती है। शरीर का एक्स्ट्रा फेट इस आसन के अभ्यास से कम किया जा सकता है।
– कटिचक्रासन के जरिए डायबिटीज की समस्या में लाभ मिलता है।
– इस आसन को अगर रोज किया जाए तो पेट की कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। इससे कब्ज और गैस की समस्या से भी छुटकारा मिलता है।
– सांस संबंधी रोग के लिए भी कटिचक्रासन फायदेमंद होता है।
– जो महिलाएं अपनी कमर के शेप को कम करना चाहती हैं वो रोजाना इस आसन का अभ्यास करें। कमर पतली करने के लिए भी यह आसन किया जाता है।
– इस आसन के रोजाना अभ्यास से पेट ठीक रहता है और पाचन शक्ति भी दुरुस्त रहती है।
– कटिचक्रासन के नियमित अभ्यास से शरीर के कई अंग मजबूत होते हैं। जैसे कंधें, गर्दन, कमर, जांघ और हाथ।