बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के दादा जीवाजी राव ने लेखा दिव्येश्वरी देवी (शादी से पहले का नाम) से शादी की थी। लेखा यानी विजयाराजे सिंधिया को याद करते हुए राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक किस्सा सुनाया था। एक इंटरव्यू में वसुंधरा राजे ने बताया था, ‘मेरी मां कोई राजकुमारी नहीं थीं। वह डिप्टी कलेक्टर की बेटी थीं। मेरी मां भारत मां की तस्वीर को देखकर कई बार रोया भी करती थीं कि इन्हें किसने जंजीरों में जकड़ रखा है।’

राजे आगे बताती हैं, ‘जीवाजी राव के लिए रानी-महारानियों की तस्वीरें पोर्टफोलियो में गईं थीं। इन्हीं तस्वीरों से जीवाजी राव को तय करना था कि वह किससे शादी करेंगे। उसमें मेरी मां की तस्वीर किसी ने गलती से रख दी थी। वह न तो कोई राजकुमारी थीं और न ही महारानी थीं। ऐसे में उनकी तस्वीर उठाकर जीवाजी राव ने कहा था कि वह उनसे ही शादी करेंगे। सब लोग बहुत परेशान हो गए थे।’

वसुंधरा राजे आगे बताती हैं, ‘उन्होंने मुझे बताया कि मैं बहुत छोटे से परिवार आई थी और यहां इतने बड़े परिवार की मुझे बहू बनाया जा रहा था। मैंने शादी में घूंघट निकाल रखा था और शादी के समय सिर्फ अग्नि ही मुझे दिख रही थी तो मैंने अग्नि को साक्षी मानकर प्रण लिया था कि ग्वालियर में रहने वाले सभी लोग मेरा परिवार होंगे। उन्होंने आगे चलकर ऐसा किया भी। विजयाराजे सिंधिया को हमसे मिलने तक का भी समय नहीं मिलता था तो हम लोग काफी नाराज़ भी होते थे। उन्होंने कहा हमारे अंदर भी राजनीति में सेवा करने का भाव जगाया था।’

बीजेपी की संस्थापक: विजयाराजे सिंधिया की गिनती जनसंघ की बड़ी नेताओं में होती थी। विजयाराजे बीजेपी की संस्थापक सदस्यों में से एक थीं। हालांकि माधव राव सिंधिया उनसे काफी नाराज़ रहते थे। उनका मानना था कि विजयाराजे सिंधिया परिवार का पैसा राजनीति में बर्बाद कर रही हैं।

भाई के दवाब में की थी वसुंधरा राजे ने शादी: इसी इंटरव्यू में वसुंधरा राजे ने बताया था कि उन्होंने अपने भाई माधव राव और परिवार के दबाव में शादी की थी। वसुंधरा राजे की शादी धौलपुर के महाराज हेमंत सिंह से हुई थी। वसुंधरा ने आगे बताया था, ‘जब मैं कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी तो मेरी शादी तय हो गई थी। ग्रेजुएशन खत्म होते-होते तक मैं शादीशुदा हो चुकी थी।’ हालांकि ये शादी लंबे समय तक नहीं चल सकी थी और करीब एक साल में ही दोनों अलग हो गए थे।