राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ हैं। उनकी गिनती बेबाक नेताओं में होती है। वसुंधरा की शादी साल 1972 में धौलपुर के महाराज हेमंत सिंह से हुई थी। लेकिन ये शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई थी और करीब साल भर बाद ही वो महाराजा हेमंत से अलग हो गई थीं।
एक इंटरव्यू में अपनी शादी पर बात करते हुए वसुंधरा ने बताया था, ‘राज परिवार में पैदा होने के बाद भी मुझे मेरी जिंदगी सोने के पिंजरे में बंद पंछी जैसी लगती थी। मैंने अपनी मां से बोर्डिंग स्कूल में भेजने के लिए कहा। मैं हर हाल में ग्वालियर से बाहर निकलकर कहीं दूर जाना चाहती थी। मेरी शादी बहुत जल्दी कर दी गई थी। मैंने जब बी.ए किया तो मैं शादीशुदा महिला थी।’
शो के होस्ट वसुंधरा राजे से पूछते हैं, ‘आप जीवन के हर फैसले अपनी मर्जी से लेती थीं। ग्वालियर से बाहर पढ़ाई की तो फिर शादी इतनी जल्दी क्यों कर ली?’ वसुंधरा राजे इसके जवाब में कहती हैं, ‘आप मुझे एक विरोधी के रूप में देखते हो। लेकिन मेरा विरोध उतना ही था जितनी परिवार में इजाजत थी। मेरी अरेंज मैरिज हुई थी। वो भी जब पैरेंट्स और भाई माधव राव ने दबाव दिया तो न चाहते हुए शादी भी करनी पड़ी।’
उन्होंने आगे कहा था, ‘मैं तो एक ऐसी लाइफस्टाइल चाहती थी जहां लड़कियां खुलकर बात कर सकें। दोस्तों के साथ मस्ती कर सकें। ऐसा हर किसी को कहां नसीब होता है! आम तौर पर दोस्त ही हमारे घर आ जाते थे।’
बता दें, वसुंधरा राजे की शादी एक साल भी नहीं चल पाई थी। हेमंत और वसुंधरा राजे ने साल 1973 में एक-दूसरे से अलग होने का फैसला किया था। तलाक के बाद वसुंधरा ने ग्वालियर में बेटे दुष्यंत सिंह को जन्म दिया था। उन्होंने बेटे को उनका हक दिलवाने के लिए लंबी कानून लड़ाई भी लड़ी थी। साल 2007 में दुष्यंत को धौलपुर का महल समेत कई संपत्तियां मिल गई थीं।
दुष्यंत सिंह ने मां वसुंधरा राजे की तरह ही राजनीति में कदम रखा। उन्होंने साल 2019 में बीजेपी के टिकट पर राजस्थान के झालावाड़-बारां से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उनकी एक तरफा जीत हुई थी। तब अपने हलफनामे में दुष्यंत ने बताया था कि उनके पास कुल 37 करोड़ रुपए की संपत्ति है।