मानस मनोहर
भारतीय भोजन पद्धति की यह बड़ी खूबी है कि यहां के हर इलाके में न सिर्फ भिन्न-भिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं, बल्कि यह भी कि एक ही चीज से बनने वाले व्यंजन इलाके बदलने के साथ-साथ अपनी रंगत और खुशबू भी बदल लेते हैं। इस तरह भोजन बनाते समय एक ही तरह के व्यंजन को अलग-अलग इलाकों के ढंग से बना और खा सकते हैं। बेसन से बनने वाली सब्जियों में यह विविधता और प्रयोग खूब दिखता है, क्योंकि बेसन से सब्जियां हर कहीं बनती हैं। इस बार कुछ ऐसी ही सब्जियों के बारे में बात करते हैं।
पतोड़
यह बेसन से बनने वाली एक प्रकार की राजस्थानी सब्जी है। इसे बनाने का तरीका कुछ-कुछ गट्टे बनाने जैसा है, पर इसका स्वाद और खुशबू भिन्न होती है। हालांकि इस तरह की रसेदार सब्जी देश के हर हिस्से में किसी न किसी रूप में बनाई और खाई जाती है, पर पतोड़ थोड़ा अलग बनती है। राजस्थान में बेसन से बहुत सारे व्यंजन बनते हैं, खासकर इससे सब्जियां जितनी राजस्थान में बनती होंगी, उतनी शायद ही कहीं बनती होंगी।
पतोड़ बनाने के लिए एक से डेढ़ कप चने का बेसन लें। उसमें एक छोटा चम्मच लाल मिर्च, चुटकी भर हींग, आधा चम्मच अजवाइन और आधा चम्मच हल्दी पाउडर और जरूरत भर का नमक डालें। बेसन से चूंकि गैस बनती है, कब्ज की समस्या हो सकती है, इसलिए इसमें अजवाइन और हींग जरूर डालना चाहिए। अब इसमें पानी डाल कर इन सारी चीजों को ठीक से फेंट लें। ध्यान रखें कि बेसन में गांठ न रहने पाए।
अब एक कड़ाही या पैन गरम करें। आंच मध्यम रखें। उसमें बेसन का घोल डालें और कलछी से लगातार चलाते हुए गाढ़ा करें। इसे चलाना बंद नहीं करना चाहिए, नहीं तो गांठें बनने की आशंका रहती है। जब घोल इतना गाढ़ा हो जाए कि उसे फैलाने पर ठंडा होकर बरफी काटने जैसा हो जाए, तो आंच बंद कर दें।
इस घोल को एक पटरे या थाली को पलट कर मोटी परत में फैला दें। ठंडा होने के लिए छोड़ दें। तब तक इसकी ग्रेवी बनाने की तैयारी कर लें। पतोड़ की ग्रेवी बनाने के लिए लहसुन-प्याज की जरूरत नहीं पड़ती। इसे सिर्फ दही और टमाटर में बनाया जाता है। इसके लिए दो कप दही लें और उसमें एक से डेढ़ चम्मच कुटी लाल मिर्च, एक चम्मच धनिया पाउडर, एक चम्मच गरम मसाला, आधा चम्मच हल्दी पाउडर डालें और सारी चीजों को ठीक से फेंट कर मिला लें। इसे अलग रख दें।
दो टमाटरों को बारीक काट या कद्दूकस कर लें। कड़ाही में तीन चम्मच सरसों का तेल गरम करें। उसमें जीरा, थोड़े से धनिया के दाने, अजवाइन और हींग का तड़का दें। फिर कटे हुए टमाटरों को डाल कर मध्यम आंच पर तब तक चलाते हुए पकाएं, जब तक कि वह तेल न छोड़ दे। अब इसमें फेंटा हुआ दही डालें और लगातार चलाते हुए पकाएं। इसे लगातार चलाना जरूरी है, नहीं तो दही फट जाएगा। जब उबाल आने लगे, तो आंच धीमी कर दें।
अब फैलाए हुए बेसन को चौकोर या काजू कतली जैसे आकार में मनचाहा काट लें। इन टुकड़ों को ग्रेवी में डालें और पांच से सात मिनट तक पकाएं। जब ग्रेवी गाढ़ी हो जाए, तो आंच बंद कर दें। ऊपर से एक चम्मच गरम मसाला और डालें और ठीक से मिला दें। हरा धनिया डाल कर सजाएं। यह सब्जी थोड़ी तीखी होती है। इसे रोटी, परांठा या चावल किसी के भी साथ खा सकते हैं।
अरबी पत्ते के पतोड़े
ह अरबी के पत्तों की सब्जी खाने का मौसम है। इस समय अरबी के नरम पत्ते आते भी हैं। बेसन के साथ अरबी पत्तों के पतोड़े बहुत स्वादिष्ट बनते हैं।
पतोड़े बनाने के लिए अरबी के मुलायम पत्ते लेने चाहिए। पत्तों को ठीक से धोकर कपड़े से पोंछ लें। इन्हें उल्टा करके सब्जी काटने वाले पटरे पर एक-एक कर बिछाएं और बेलन से दबाते हुए रोटी की तरह बेल कर उनकी मोटी धारियों को नरम कर लें।
अब एक कटोरे में बेसन लें। बेसन की मात्रा आप अरबी के पत्तों के हिसाब से तय कर सकते हैं। इस बेसन में एक चम्मच गरम मसाला, थोड़ा हल्दी पाउडर, एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर, चुटकी भर हींग, एक से डेढ़ चम्मच अमचूर पाउडर और अजवाइन डाल कर ठी्रक से मिला लें। फिर थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए एक दिशा में चलाते हुए गाढ़ा घोल बनाएं। घोल ऐसा हो, जो अरबी के पत्तों पर आसानी से चिपक जाए और बाहर न फैले।
पत्तों को फैलाएं और उन पर बेसन के घोल की परत चढ़ाएं। इस तरह एक के ऊपर दूसरा रखते हुए बेसन की परत चढ़ाएं और फिर उन्हें लपेटते हुए बेलनाकार बना लें।
इडली मेकर में पानी गरम करें। इडली मेकर न हो तो कुकर की सीटी निकालें और उसके तले में पानी डालें। बीच में एक कटोरी रखें और उसके ऊपर एक प्लेट में इन लिपटे हुए पत्तों को रख कर भाप में पका लें। पत्ते पक जाएं तो कुकर से बाहर निकालें। ठंडा होने दें। फिर इन्हें पकौड़ों की तरह गोल-गोल काट लें।
इन पतोड़ों को चाहें तो पकौड़े की तरह खा सकते हैं। इसके लिए एक पैन में हल्का तेड़ डालें और उन टुकड़ों को कुरकुरा होने तक तल लें। चटनी के साथ परोसें। चाहें तो पतोड़ की तरह ग्रेवी बनाएं और उसमें इन्हें डाल कर एक उबाल आने तक पका लें। इसे रोटी, परांठे आदि के साथ भी खा सकते हैं।
