Janmashtami Bhog: जन्माष्टमी पर लोग कृष्ण कन्हैया को छप्पन भोग चढ़ाते हैं। मान्यता है कि भगवान कृष्ण को सबसे अधिक पसंद माखन मिश्री, पंचामृत और पंजीरी होती है। कहते हैं कि भगवान कृष्ण को जो प्रसाद चढ़ाया जाता है उस भोग को बाल भोग कहा जाता है।
आमतौर पर पूजा के बाद प्रसाद के रूप में फलों का प्रसाद, चरणामृत और पंजीरी देने की परंपरा है। पंजीरी हर पूजा के बाद दिया जाने वाला सबसे लोकप्रिय प्रसाद है। कृष्ण जन्माष्टमी पर धनिये की पंजीरी बनाई जाती है। आइए जानते हैं रेसिपी –
पंजीरी: जन्माष्टमी में बनाई गई पंजीरी में आटे का प्रयोग नहीं होता है क्योंकि इसका सेवन व्रती भी करती हैं। ऐसे में लोग धनिये की पंजीरी का सेवन करते हैं। इसे बनाने के लिए सौ ग्राम धनिया पाउडर, तीन चम्मच देसी घी, आधा कप मखाना, चीनी का पाउडर, दस काजू, दस बादाम और एक चम्मच चिरौंजी की जरूरत होगी।
क्या है विधि: पूजा वाली कड़ाही को अच्छे से धोकर उसे गैस पर चढ़ाएं और एक चम्मच घी गर्म करें। फिर इसमें दस बादाम और काजू डालकर भूनें, हल्का गोल्डन होने पर उसमें मखाना डाल दें। जब थोड़ा क्रिस्पी हो जाए तो सबको निकालें और अलग से थोड़े किशमिश को फ्राय कर लें। सभी चीजों को एक थाली में निकाल लें और आधे मखानों को अलग करके पीस लें।
अब कड़ाही में दोबारा घी गर्म करके उसमें धनिया पाउडर मिलाकर अच्छे से भूनें। जब अच्छी खुशबू आने लगे और रंग बदलने लगे तो इसमें चीनी का बुरादा डालें। इसके बाद दरदरे मखाने, काजू-किशमिश, बादाम और भूने हुए मखानों को डाल दें। एक साथ मिलाने के बाद धनिये की पंजीरी तैयार है।
पंचामृत: पांच जरूरी चीजों से बना एक मीठा पेय है पंचामृत जिसे बनाना बिल्कुल आसान है। इसके लिए आपको आधा किलो दूध, एक कप दही, 4 से 5 तुलसी के पत्ते, एक चम्मच शहद और एक चम्मच गंगाजल की जरूरत होगी। एक बड़ा बर्तन लें और उसमें दूध डालकर सभी चीजों को मिक्स कर लें। इसमें आखिर में दही डालें और पंचामृत बन गया।
माखन मिश्री: इसे बनाने के लिए भक्तों को एक किलो दही, 250 ग्राम मिश्री, एक बड़ा चम्मच पिस्ता और 2 से 3 कप पानी की जरूरत होगी। सबसे पहले एक बर्तन में दही डालकर मथ लें या फिर ब्लेंड कर लें। अच्छे से मथ लेने के बाद मक्खन को एक अलग बर्तन में रखें। अब मक्खन में मिश्री और बारीक कटा हुआ पिस्ता डाल दें।