Mrs. India 2023: राजस्थान के रणथंभौर में आयोजित मिसेज इंडिया 2022-2023 के ग्रैंड फिनाले में वास्तु विशेषज्ञ ज्योति अरोड़ा के सिर पर मिसेज इंडिया का ताज सजा। प्रतियोगिता का आयोजन मिसेज इंडिया पेजेंट एंड प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड (MRS INDIA PAGEANT AND PRODUCTIONS PRIVATE LIMITED(OPC) की तरफ से किया गया था।

ख्याति प्राप्त ज्योतिषी फेंगशुई मास्टर, टैरो रीडर और वास्तु विशेषज्ञ ज्योति अरोड़ा पहले टॉप 16 पोजीशन पाकर क्लासिक कैटेगरी में शामिल हुईं। इसके बाद महिला सशक्तिकरण पर उनके जवाब ने उन्हें मिसेज इंडिया 2022-2023 का खिताब दिला दिया। साथ ही उन्हें मिसेज इंडिया ग्लिटरिंग गॉडेस 2022-23 और मिसेज इंडिया क्वीन ऑफ सोशल मीडिया 2022-23 के प्रतिष्ठित खिताब से भी नवाजा गया।

ज्योति अरोड़ा ने अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए हमेशा साहसिक कदम उठाए हैं। इंजीनियरिंग करने के बाद कॉर्पोरेट में सफल करियर बनाते हुए उन्होंने ने ज्योतिष और फेंगशुई के क्षेत्र में कदम रखा। 10 वर्षों से वह ज्योतिष विद्या, टैरो रीडर और फेंग शुई मास्टर में अपने करियर को सफल बना रही हैं। अपने इस कौशल से वह लोगों का जीवन सकारात्मक बनाने का कार्य कर रही हैं।

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ज्योति टीवी पर भी बहुत लोकप्रिय चेहरा रही हैं। राजनीति से लेकर क्रिकेट के बारे में इन्होंने सटीक भविष्यवाणी की है। इसके साथ ही ज्योति राष्ट्रीय समाचार चैनलों में ज्योतिष टेलीविज़न शो और साथ ही कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रकाशनों में योगदानकर्ता हैं। साथ ही ज्योति अरोड़ा (Jyoti Arora) की आध्यात्मिकता, मां तारा के प्रति झुकाव और गुरु लिलियन टू और बोध धर्मगुरुओं के आशीर्वाद ने उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ाया। ज्योति अरोड़ा ने भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम कमाया है। वह महिला सशक्तिकरण में दृढ़ विश्वास रखती हैं और चाहती हैं कि हर लड़की को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण मिले। इसके लिए वह लोगों की मदद करने से कभी पीछे नहीं हटती हैं।

क्या है टैरो कार्ड ?

भविष्य के गर्भ में क्या है, यह जानने की मानवीय जिज्ञासा है। इसके लिए तरह-तरह के तरीके अपनाए जाते हैं। टैरो एक ऐसा तरीका है। यह इस बात का संकेत देता है कि आपके निजी जीवन में क्या होने वाला है। उसके अनुसार योजना बनाना आसान हो जाता है। मध्ययुगीन काल के दौरान यूरोप में पहली बार टैरो का इस्तेमाल किया गया था। कुछ के अनुसार अनुमान लगाने का यह तरीका भारत से ही आया है। यह इटली में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया गया था। उसके बाद वहीं से यह तरीका पूरी दुनिया में फैल गया।