अब तक आपने ए से एपल और बी से बॉय ही सुना होगा। लेकिन साल 2016 में कई एेसे शब्द आए जो घटनाओं के साथ जुड़े, प्रचलित हुए और लोग उन्हें आम बोलचाल में इस्तेमाल करने लगे। इन्हीं शब्दों की अंग्रेजी में प्रतीक कांजीलाल ने वर्णमाला तैयार की है। आप भी जानिए इन्हीं शब्दों के बारे में :
A से अच्छे दिन – मोदी सरकार के फैसलों और नोटबंदी के बाद कहा गया कि अच्छे दिन आएंगे।
B से भक्त – नरेंद्र मोदी को पसंद करने वालों के लिए विपक्षी यह शब्द इस्तेमाल करते हैं। 2016 में विपक्ष ने सरकार की खामियां गिनाते हुए कई बार ‘भक्तों’ का उपयोग किया।
C से कैश – नकदी को कौन पसंद नहीं करता। लेकिन इसकी डिमांड उस वक्त बढ़ गई, जब लोगों को बैंकों और एटीएम की लाइनों में लगना पड़ा।
D से डिमॉनेटाइजेशन : एक एेसा फैसला, जिसकी वजह से 500 और 1000 के नोट अमान्य हो गए। लोगों को बैंक जाकर इन्हें बदलना पड़ा।
E से इकनॉमी-इसका मतलब है कि भारत अब मैच्योर हो गया है। पश्चिमी गणतंत्र में कहा जाता है कि भविष्य के चुनाव इकनॉमिक के सवालों पर आधारित होंगे।
F से फार्मर- इस शब्द को काफी बार 2016 में सुना और कहा गया, क्योंकि पीएम मोदी ने कई बार किसानों की तारीफ की और किसानों की आत्महत्या के कारण भी यह इस्तेमाल किया गया।
G से ग्रोथ-देश के विकास के लिए यह यूज किया गया। टाइम्स नाउ चैनल छोड़ने वाले अरनब गोस्वामी के लिए भी लोगों ने यह बोला।
H से हैदराबाद यूनिवर्सिटी-16 जनवरी को रोहित वेमुला द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद मामला गंभीर हो गया था। केंद्र सरकार का इसे लेकर काफी विरोध हुआ था।
I से इंडियन-इनके लिए कहा गया कि इन्होंने प्लास्टिक सर्जरी और उड़ने वाले जहाजों की खोज की।
J से जुमला-चुनावों के दौरान बोला गया शब्द। इसमें बॉर्डर पर रक्षा कर रहे जवान भी शामिल हैं।
K से कश्मीर-कहा गया कि यहां कुछ नहीं बदला। घाटी में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर सबकी जुबान पर रहा।
I से लॉन्ड्रिंग-नोटों को सफेद करने के लिए यूज हुआ। एल को उदारीकरण के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, जो कांग्रेस के दौरान हुआ था।
M से मोबाइल-जो अब आपका बैंक बनने की राह पर है। इसके बिना शायद अब लोग सर्वाइव भी न कर पाएं।
N से नैशनलिजम-यह इकलौती मानी हुई विचारधारा है। इसमें अखंड भारत भी शामिल है। लोगों ने पूर्व पीएम नेहरू को भी एन से जोड़ा, जिन्हें नोटबंदी को छोड़कर सबके लिए उत्तरदायी ठहराया गया है।
O से क्राय अॉफ द सिक-बैंकों के बाहर लाइनों में खड़े रहने वाले बुजर्गों के लिए कहा गया। ओ को ओलिंपिक और पैरालिंपिक और अॉड-इवन के लिए भी इस्तेमाल किया गया है।
P से पाकिस्तान और पुतिन-एशिया की राजनीति के दो बड़े नाम। लेकिन पाकिस्तानी अभिनेताओं को देश में राष्ट्रविरोधी बता दिया गया। पी से पेलेट गन भी जोड़ा गया, जिन्हें घाटी में लोगों को काबू करने के दौरान इस्तेमाल किया गया।
Q से क्यू (लाइन)-O की ही तरह यहां क्यू में भी बुजुर्गों, बीमार, गरीब, अमीर सबको लाइनों में लगना पड़ा।
R से आरबीआई-आखिरी आरबीआई गवर्नर को एक रॉकस्टार बताया गया। साथ ही रेल बजट और आरआईपी के लिए भी इसका इस्तेमाल हुआ।
S से सर्जिकल स्ट्राइक-इसके जरिए सरकार ने अपनी पीठ थपथपाने का काम किया। लेकिन नोटबंदी के फैसले के बाद किसी ने भी पीओके पर किए इस हमले के बारे में बात तक नहीं की।
T से ट्रंप-अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति, जिन्होंने चुनावों में डेमॉक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराया। टी को टाटा के लिए भी उपयोग किया गया।
U से उर्जित पटेल-आरबीआई के नए गवर्नर, जो इन दिनों मीडिया से बचते नजर आ रहे हैं। यू को यूएसए से भी जोड़ा गया, जो उथल-पुथल के समय भारत की मदद करता है।
V से वेनेजुएला-यहां के लोगों को जब सरकार ने कैश से दूर करने की कोशिश की तो लोग एक्शन लेने पर उतारू हो गए।
W से बिग फैट इंडियन वेडिंग्स-इस बार नोटबंदी के आगे भारतीय हिंदू शादियों की चमक भी फीकी पड़ गई। डबल्यू को वॉटर के लिए भी इस्तेमाल किया गया।
X से प्लेनेट एक्स-2016 में प्लूटो की कक्षा से भी दूर और नेप्ट्यून जैसे दिखने वाले एक ग्रह की खोज का वैज्ञानिकों ने दावा किया।
Y से यादव-इस परिवार की आपसी कलह किसी से छिपी नहीं है। इसका आगाज पिछले साल ही हुआ था, जो अब और ज्यादा बढ़ गया है।
Z से जिप– इसे जिपिंग से जोड़ा गया है, जिसका मतलब है तेज आवाज या सनसनी। जिपिंग किसी राष्ट्रवादी के लिए प्रयोग हो सकता है, जो सबूत इकट्ठा कर आपको राष्ट्रविरोधी साबित कर सकता है।